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लॉकडाउन में राहत की खबर, एनसीईआरटी ने 12वीं तक के लिए उपलब्ध कराई निशुल्क ई-बुक

पहली से 12 वीं तक के विद्यार्थियों को पढ़ाई में परेशानी नहीं हो इसके लिए राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी)की ओर से निशुल्क ईबुक उपलब्ध कराया गया है। वेबसाइट से डाउनलोड कर सकते सभी विषयों के पुस्तक की सॉफ्ट कॉपी।

By Ajit KumarEdited By: Published: Thu, 20 May 2021 07:16 AM (IST)Updated: Thu, 20 May 2021 07:16 AM (IST)
लॉकडाउन में राहत की खबर, एनसीईआरटी ने 12वीं तक के लिए उपलब्ध कराई निशुल्क ई-बुक
लॉकडाउन के कारण बंद हैं किताब की दुकानें, विद्यार्थियों को हो रही परेशानी।

मुजफ्फरपुर, जासं। कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच लॉकडाउन के कारण बाजार बंद हैं। विद्यार्थी अगली कक्षा में चले गए हैं, लेकिन उन्हें किताब नहीं मिली हैं। इधर, सरकार की ओर से पुस्तकों के लिए विद्यार्थियों के खाते में राशि भेजी गई है पर दुकान नहीं खुलने के कारण पुस्तक की खरीदारी नहीं कर पा रहे हैं। पहली से 12 वीं तक के विद्यार्थियों को पढ़ाई में परेशानी नहीं हो इसके लिए राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी)की ओर से निशुल्क ईबुक उपलब्ध कराया गया है। छात्र-छात्राएं एनसीइआरटी के वेबसाइट पर जाकर कक्षा, विषय और पुस्तक का नाम चयन करेंगे। इसके बाद उस विषय की साफ्ट कॉपी पीडीएफ फॉर्मेट में डाउनलोड हो जाएगी। वहां से स्क्रॉल का बटन दबाकर पूरी पुस्तक पढ़ सकेंगे।

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ऑनलाइन अध्यापन के लिए शिक्षकों को दिशानिर्देश

परिषद की वेबसाइट पर शिक्षकों को दिशानिर्देश दिए गए हैं। बताया गया है कि शिक्षक इस प्रणाली का उपयोग कर ऑनलाइन लर्निंग को आसान और प्रभावी बना सकते हैं। कहा है कि ऑनलाइन लर्निंग में विजुअल की मदद से कंटेंट को और अधिक प्रभावी बनाया जा सकता है। साथ ही ऑडियो और ग्राफिक्स की सहायता से गुणवत्तापरक ऑनलाइन शिक्षा दी जा सकती है।  

बीपीएस कॉलेज देसरी के शिक्षकों का मानदेय और अनुदान जारी

जासं, मुजफ्फरपुर : बीआरए बिहार विवि से संबद्ध बीपीएस कॉलेज देसरी के शिक्षक और शिक्षकेत्तर कर्मचारियों के खाते में मानदेय की राशि भेज दी गई है। वर्षों से बंद हो चुकी प्रणाली को चालू कर इस कार्य का निष्पादन किया गया। साथ ही अब शीघ्र अनुदान का वितरण भी किया जाएगा। अनुदान की राशि मिलने के बाद कॉलेज को नए अंदाज में व्यवस्थित किया जाएगा। बताया गया कि दो वर्षों से कॉलेज प्रशासन की उदासीनता और नियम-परिनियम के पेच में फंसकर अनुदान और मानदेय का भुगतान नहीं हो पा रहा था। मानदेय और अनुदान भुगतान की प्रक्रिया शुरू होने के बाद कर्मचारियों और शिक्षकों में हर्ष का माहौल है। इस कार्य में प्राचार्य राजीव सचिव अभय कुमार ङ्क्षसह, अजीत कुमार और प्रो.संजय कुमार ङ्क्षसह की भूमिका अहम रही है। 


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