जनाब! सिर्फ बनारस की ही नहीं, सीतामढ़ी की दीपक स्टोर गलियां भी हैं काफी मशहूर, जानिए खासियत
सीतामढ़ी व शिवहर के लोग इस गली को दुकान के नाम से ही पुकारा करते थे। इस तरह से यह गली आज उसी नाम से मशहूर हो गई है। उनके पुत्र विकास कुमार अब यह दुकान संभालते हैं।
सीतामढ़ी, जेएनएन। गलियां सिर्फ बनारस की नहीं, सीतामढ़ी की दीपक स्टोर गली भी काफी मशहूर हैंं। हालांकि, बदलते वक्त के साथ इसकी रौनक तो बढ़ गई लेकिन, शानो-शौकत अब जाकर थोड़ी फीकी पड़ती जा रही है। 14 अप्रैल, 1972 के पहले गली गुमनानी में थी। बताया जाता है कि दीपक स्टोर के मालिक स्व. नगीना प्रसाद थे। तब आसपास में इक्के-दुक्के घर-मकान व दुकान थे। उस जमाने में सीतामढ़ी व शिवहर के लोग इस गली को दुकान के नाम से ही पुकारा करते थे। इस तरह से यह गली आज उसी नाम से मशहूर हो गई है। उनके पुत्र विकास कुमार अब यह दुकान संभालते हैं। उनके द्वारा शुद्ध एवं शीतल जल के लिए प्यूरीफायर लगाया गया है। उनके निधन के पश्चात नगीना फाउंडेशन के द्वारा इस गली में साफ-सफाई व छोटे-मोटे कार्य किए जाते हैं। इस गली में स्कूल-कॉलेज के कोचिंग संस्थान की भरमार है।
साथ ही निर्मला उत्सव पैलेस भी इसी गली में है। हालांकि, अब इस गली में आपराधिक घटनाएं भी बढ़ गई हैं। श्रीकृष्ण नगर मेहसौल के निवासी मां जानकी नर्सरी के प्रोपराइटर शिवनाथ सिंह भी इस गली की बदनमाी को लेकर बेहद आहत हैं। उनका कहना है कि कुछ साल पहले तक यह बड़ी प्रतिष्ठित गली हुआ करती थी। निर्मला उत्सव पैलेस के मालिक मदन प्रसाद बताते हैं कि यह गली दीपक स्टोर के नाम से ही मशहूर हुई। अब लोग इस पैलेस के नाम से भी गली को जानने लगे हैं।
आपराधिक वारदातों के लिए अब बदनाम होने लगी
शहर के बुद्धिजीवी बताते हैं कि नगर थाना क्षेत्र अंतर्गत दीपक स्टोर्स गली कत्लेआम के लिए बदनाम होने लगी है। हत्या, लूट, छीनतई, छेड़खानी की अनेक घटनाओं से गली का दामन दागदार होकर रह गया है। पिछले एक दशक में दर्जनों आपराधिक घटनाएं हुई हैं। मगर, गली में पुलिस की गश्त नहीं बढ़ाई जा सकी। तत्कालीन आइजी परसरनाथ के निर्देश पर एसपी नवल किशोर सिंंह ने इस गली के गेट पर पुलिस फिकेट खोलवा दिया था।
शिक्षा का हब भी कहा जाता रहा
घटना स्थल चांदनी चौक के समीप शाम से देररात तक पुलिस बल की तैनाती की गई थी। पिछले दो वर्षों से पुलिस न तो यहां तैनात रहती है न गश्ती ही होती है। शहर के मेन रोड गोयनका कॉलेज गेट के सामने से गली जाती है। रिग बांध होते हुए बस स्टैंड व चक महिला को एक रास्ता जाता है। बीच में शहर के गुदरी बाजारर से एक रास्ता आती है, जो चंदनी चौक के पास इसी गली में मिल जाती है। इस गली को शिक्षा का हब भी कहा जाता रहा है। शहर के अधिकतर कोचिग सेंटर और निजि स्कूल इसी गली में हैं। बड़े व्यवसायी, चिकित्सक, प्रोफेसर के अलावा एसएसबी के कई वरीय पदाधिकारी इसी गली में रहते हैं, तब यहां सुरक्षा का ये बंदोबस्त देखकर व्यवस्था पर रोना आता है।