Lockdown Day 9: नेपाली पुलिस ने भारतीय मजदूरों को बाॅर्डर पर लाकर छोड़ा, जानिए इनके हालात
भारतीय अधिकारियों से सिकटा बाॅर्डर 125 मजदूरों को लौटाया। दो दिन से भूखे मजदूरों को सिकटा के गणमान्य लोगों ने खिलाया खाना।
पश्चिम चंपारण, जेएनएन। कोरोना वायरस को लेकर लाॅकडाउन में नेपाल में फंसे 125 भारतीय मजदूरों को नेपाली पुलिस ने सिकटा बाॅर्डर के समीप मंगलवार की देर शाम में लाकर छोड़ दिया। ये सभी मजदूर नेपाल के तराई इलाके में रहकर काम करने गए थे। सभी पश्चिम चंपारण जिला के साठी, नरकटियागंज, मर्जदवा, मैनाटांड़ आदि के निवासी है।
कोरोना वायरस से बचाव को लेकर लाॅकडाउन की वजह से काम बंद हो गया है। मजदूरों को खाने की किल्लत हो गई थी। नेपाल प्रशासन की ओर से मजदूरों के लिए खाने की व्यवस्था करने के बजाय उन्हें बाॅर्डर पर लाकर छोड़ दिया गया। बाॅर्डर पर भारतीय मजदूरों के आने की सूचना पर एसएसबी अलर्ट हुई और उन्हें सीमा में प्रवेश करने से रोक दिया। एसएसबी के इंस्पेक्टर संदीप कुमार ने बताया कि सीमा सील है। आवाजाही पर प्रतिबंध है। ऐसे में सभी मजदूर नो- मेंस लैंड में आकर फंस गए। करीब दो घंटे तक बाॅर्डर पर अफरा- तफरी का माहौल रहा।
आखिरकार नेपाल पुलिस और सिकटा प्रखंड के बीडीओ- सीओ की मौजूदगी में निर्णय लिया गया कि आगामी 14 अप्रैल तक सभी मजदूरों को नेपाल में ही रहना होगा। सिकटा के सरपंच राजेश पटेल समेत अन्य ग्रामीणों के सहयोग से रात 11 बजे के आसपास सभी मजदूरों को खाना खिलाया गया और उन्हें पुनः नेपाल लौटा दिया गया। सिकटा के अंचलाधिकारी धर्मेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि देर शाम में बाॅर्डर पर कुछ मजदूरों के आने की सूचना मिली थी। उन्हें सीमा में प्रवेश करने से रोक दिया गया और पुनः नेपाल में वापस लौटा दिया गया।