समस्तीपुर में मदरसे के गेस्ट हाउस में क्वारंटाइन होंगे नेपाली नागरिक, एक घर से मिले थे सभी
नहीं मिला संक्रमण का लक्षण आइसोलेशन वार्ड से हुए मुक्त। बुधवार की शाम आठ नेपाली और मधुबनी के एक युवक की कराई गई थी जांच।
समस्तीपुर, जेएनएन। सिंघिया प्रखंड के बसौली गांव स्थित एक घर से मिले नेपाली नागरिक अब नीरपुर भड़रिया मदरसे के गेस्ट हाउस में क्वारंटाइन होंगे। लॉकडाउन की समय-सीमा तक सभी को वहीं बने रहना है। प्रशासन और पुलिस की इनपर लगातार नजर रहेगी। बुधवार की शाम ग्रामीणों की सूचना पर बसौली के एक घर से नौ लोगों को निकालकर प्रशासन द्वारा अनुमंडलीय अस्पताल, रोसड़ा के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कराया गया था। चिकित्सकों द्वारा की गई जांच के बाद इनमें कोरोना वायरस के संक्रमण के लक्षण नहीं मिले।
गुरुवार की दोपहर में सभी को आइसोलेशन सेंटर भेज दिया गया। अस्पताल के चिकित्सक ने बताया कि मुक्त किए गए सभी नौ लोगों में किसी प्रकार के लक्षण नहीं पाए गए हैं। सभी को क्वांरटाइन में रहने की सलाह दी गई है। अनुमंडलाधिकारी के निर्देश पर सिंघिया के बीडीओ व थानाध्यक्ष द्वारा मुक्त किए गए आठ नेपाली तथा एक मधुबनी निवासी को सरकारी वाहन से आइसोलेशन सेंटर पर पहुंचाया गया है। एसडीओ अमन कुमार सुमन ने बताया कि पूछताछ एवं जांच के क्रम में यह प्रमाणित हुआ है कि सभी नेपाली नागरिक फरवरी माह में ही बिहार की सीमा में प्रवेश किए थे। विभिन्न स्थलों का भ्रमण करते हुए सिंघिया पहुंचे थे।
विदेश से लौटे 14 की भी जांच रिपोर्ट निगेटिव
जिले के विभिन्न प्रखंडों में विदेश से लौटे 14 लोगों की जांच रिपोर्ट भी निगेटिव आई है। अस्पताल से मिली जानकारी के अनुसार, दो दिन पूर्व उक्त सभी के ब्लड सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा गया था। सभी को आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कर दिया गया था। गुरुवार की सुबह पटना से जांच रिपोर्ट प्राप्त हुई है। सभी 14 लोग संक्रमण से मुक्त पाए गए हैं। इन सभी को भी आइसोलेशन वार्ड से मुक्त कर दिया गया है। साथ ही, सभी को अपने-अपने घरों में क्वारंटाइन रहने का निर्देश भी दिया गया है।
सिंघिया के बहदुरा और बसौली में कोरोना संक्रमण का खौफ
थाने के बहदुरा और बसौली के ग्रामीणों में कोरोना संक्रमण को लेकर दहशत है। अपने-अपने घरों में दुबके लोग मोबाइल पर ही एक-दूसरे से संपर्क साध रहे और हाल पूछ रहे। बुधवार की देर शाम बसौली गांव के एक घर से आठ नेपाली तथा एक भारतीय नागरिक को प्रशासन द्वारा निकाल कर ले जाने के बाद से ही यह स्थिति बनी हुई है। जिस घर से इन लोगों को निकाला गया है, ग्रामीण उस घर से दूरी बनाए हुए हैं। ये सभी लोग लोग बहादुरा गांव में रुके थे, इसीलिए वहां के लोगों में भी संक्रमण को लेकर चर्चा जारी है।
हालांकि, अधिकतर लोग जमात में शामिल इन लोगों को करीब डेढ़ माह पूर्व ही नेपाल से बिहार की सीमा में पहुंचने की बात बताते हुए इस तरह की आशंका को खारिज कर रहे। इनकी मानें तो नेपाल से निकला उक्त जमात मधुबनी व दरभंगा होते हुए समस्तीपुर और रोसड़ा मरकज में रुकने के पश्चात सिंघिया पहुंचा था। 17 मार्च से ही बसौली के उस घर में रुके हुए थे। ग्रामीणों द्वारा दी गई सूचना पर पहुंचे प्रशासनिक व पुलिस पदाधिकारी ने सभी को घर से निकालकर अनुमंडलीय अस्पताल रोसड़ा पहुंचाया था।