नेपाल में भारतीय नोटों पर लगाए गए प्रतिबंध को हटाने के लिए राष्ट्र बैंक ने की पहल
नेपाल राष्ट्र बैंक के विदेशी विनिमय विभाग के प्रमुख ने रिजर्व बैंक आफ इंडिया को लिखा पत्र। पत्र में प्रतिबंधित नोटों के फेर-बदल करने की व्य्वस्थाक करने का किया आग्रह।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। भारतीय 200, 500 और 2000 के नोटों पर लगाये गये प्रतिबंध को हटाने के लिए नेपाल राष्ट्र बैंक ने पहल शुरू की है। इसको लेकर राष्ट्र बैंक ने भारतीय रिजर्व बैंक आफ इंडिया से पत्राचार किया है। इसकी जानकारी नेपाल राष्ट्र बैंक विदेशी विनिमय विभाग के प्रमुख भीष्मराज ढ़ुंगाना ने दी। बताया कि पत्राचार कर भारतीय बड़े नोटों को फेरबदल करने की व्यवस्था करने का आग्रह किया है।
इसके लिए विदेशी विनमय मुद्रा केंद्र की स्थापना नेपाली बैंकों और सीमावर्ती शहर में करने का सुझाव दिया है। साथ ही भारत मे बीते वर्ष 2016 में 500 और 1000 के नोटों को गैर कानूनी घोषित कर दिए जाने से नेपाल के विभिन्न बैंकों और नेपाली नागरिकों के पास पड़े भारतीय पुराने करीब पांच करोड़ रुपये को बदलने का आग्रह किया है। बता दें कि नेपाल में अचानक भारतीय 200, 500 और 2000 के नोट पर प्रतिबंध से सीमावर्ती क्षेत्र के बाजारों में व्यापार पर असर पड़ रहा है। नेपाल के मुख्य आय का स्त्रोत पर्यटन है।
साथ ही नेपाल ने वर्ष 2020 को पर्यटक वर्ष घोषित किया है। इस दौरान वर्ष के प्रारंभ में ही पर्यटकों की संख्या में काफी कमी हुई है। नेपाल के सूत्रों की मानें तो नववर्ष के समय पिछले साल की तुलना में कम ही पर्यटक नेपाल पहुंचे है। साथ ही आने के साथ-साथ तुरंत वापस भी चले गये। अधिकांश पर्यटकों ने बताया कि बड़े नोटों पर प्रतिबंध के साथ-साथ एटीएम से एक लाख से अधिक लेनदेन पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है।
जिससे साथ में एक सौ से कम के नोट लेकर चलना मुश्किल है। नेपाल ने आगामी वर्ष को पर्यटक वर्ष घोषित करने के साथ-साथ पर्यटकों की सुविधा को देखते हुए होटल, सड़क मार्ग को बेहतर बनाने के प्रयास में जुटा है। लेकिन, प्रतिबंध लगने से भारतीय पर्यटकों के कम पहुंचने की संभावना है।