India-Nepal Tension: भारत- नेपाल विवाद से उत्तर बिहार में गहराया बाढ़ का संकट, सहमे 11 जिलों के लोग
India-Nepal Border Tension पूर्वी चंपारण जिले के ढाका स्थित लाल बकेया नदी पर बन रहे तटबंध के पुनर्निमाण कार्य पर नेपाल ने लगाई रोक। उत्तर बिहार की नदियों के जलस्तर में वृद्धि।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। भारत नेपाल के बीच लिपुलेख, कालापानी व लिंपियाधुरा के सीमा विवाद व अन्य मसलों पर बढ़ते तनाव (India Nepal Tension) के बीच नेपाल ने पूर्वी चंपारण जिले के ढाका स्थित लाल बकेया नदी पर बन रहे तटबंध के पुनर्निमाण कार्य पर रोक लगा दी है। इससे उत्तर बिहार की नदियों के जलस्तर में वृद्धि हुई है। और सूबे के 11 जिलों पर बाढ़ का संकट गहरा गया है।
नेपाल सरकार द्वारा पूर्वी चंपारण जिले के ढाका स्थित लाल बकेया नदी पर बन रहे तटबंध के पुनर्निमाण कार्य को रोके जाने और और सोमवार सुबह वाल्मीकिनगर बराज से 1.14 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद मुजफ्फरपुर समेत पूर्वी व पश्चिमी चंपारण, वैशाली, गोपालगंज, सारण, शिवहर, सीतामढ़ी, दरभंगा, समस्तीपुर और खगडिय़ा जिले में बाढ़ का संकट गहरा गया है। इसको देखते बागमती, गंडक और बूढ़ी गंडक नदी की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। साथ ही तटबंधों की सतत निगरानी की जा रही है। मुख्य अभियंता शांति रंजन शर्मा ने सभी कार्यपालक अभियंताओं को अलर्ट कर दिया है।
बताते चलें कि ढाका में गंडक बराज के 36 गेट में 18 गेट नेपाल और 18 गेट भारत में हैं। भारतीय सीमा स्थित गेट संख्या 17 तक बांध की मरम्मत हो चुकी है। लेकिन, नेपाल के हिस्से में पडऩे वाले 18 वें से लेकर 36 वें गेट तक बने बांध की मरम्मत नहीं हो सकी है। नेपाल सरकार द्वारा बांध मरम्मत पर रोक लगा दी गई है। लिहाजा, इलाके में बाढ़ का संकट उत्पन्न हो गया है।
बारिश से भी बढ़ा बाढ़ का खतरा
नेपाल के जलग्रहण क्षेत्र समेत उत्तर बिहार में लगातार बारिश का दौर जारी है। सोमवार को नेपाल के पोखरा में 6.5 मिमी तथा भैरवा में 15.2 मिमी बारिश होने से के चलते मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, वैशाली, गोपालगंज व सारण जिले में गंडक नदी में बाढ़ की आशंका बढ़ गई है। जबकि, नेपाल के काठमांडू में हुई 40 मिमी बारिश से मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, शिवहर, दरभंगा, समस्तीपुर व खगडिय़ा में बागमती में उफान उत्पन्न हो सकता है। इसके मद्देनजर केंद्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष, पटना के प्रभारी ने सभी मुख्य अभियंताओं को तटबंधों पर नजर रखने और नियमित रूप से पेट्रोलिंग का निर्देश दिया है।
नदियों के जलस्तर में वृद्धि
सोमवार की शाम तक जिले में बागमती, गंडक और बूढ़ी गंडक नदी के जलस्तर में वृद्धि शुरू हो गई। कटौझा में बागमती नदी का जलस्तर खतरे के निशान के पार रहा। हायाघाट में जलस्तर में 1.25 मीटर वृद्धि दर्ज की गई। रेवाघाट में गंडक नदी जलस्तर में 0.7 सेमी की वृद्धि हुई। सिकंदरपुर में बूढ़ी गंडक नदी का जलस्तर में वृद्धि जारी रही।
उत्तर बिहार की नदियों का जलस्तर :
नदी खतरे का निशान जलस्तर
बागमती
डुब्बाघाट शिवहर : 61.28 59.54
सोनाखान रीगा : 68.80 67.85
चंदौली बेलसंड : 59.06 56.77
ढेंग बैरगनिया : 70.10 69.58
कटौझा रून्नीसैदपुर : 53.73 54.00
बेनीबाद मुजफ्फरपुर : 48.68 48.28
हायाघाट दरभंगा : 45.72 42.90
अधवारा समूह
सुंदरपुर : 61.71 59.25
पुपरी : 55.77 51.20
गोआबाड़ी : 70.50 69.52
झीम सोनबरसा : 81.85 78.83
बूढ़ी गंडक
चनपटिया पूर्वी चंपारण :73.679 69.65
लालबकेया : 63.195 56.85
अहिरवलिया :59.618 52.77
सिकंदरपुर मुजफ्फरपुर 52.534 46.30
गंडक
वाल्मीकिनगर पश्चिमी चंपारण :109.667 : 107.01
खड्डा : 96 95.48
चटिया : 69.147 64.90
रेवाघाट मुजफ्फरपुर : 54.14 53.17
हाजीपुर : 50.32 46.00
लालगंज :50.50 49.33