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Muzaffarpur Weather Update on Makar Sankranti 2021: ठिठुरन के बीच ही लेना होगा चूड़ा-दही का आनंद

Muzaffarpur Weather Update on Makar Sankranti 2021 छह से आठ डिग्री सेल्सियस के बीच रहेगा न्यूनतम तापमान। 17 से 19 डिग्री सेल्सियस रहेगा अधिकतम तापमान। 17 तक रह सकते हैं आसमान में हल्के बादल। मौसम प्राय शुष्क ही रहने का अनुमान।

By Ajit kumarEdited By: Published: Thu, 14 Jan 2021 06:42 AM (IST)Updated: Thu, 14 Jan 2021 06:42 AM (IST)
Muzaffarpur Weather Update on Makar Sankranti 2021: ठिठुरन के बीच ही लेना होगा चूड़ा-दही का आनंद
पांच से नौ किलोमीटर प्रति घंटा की गति से पछिया हवा चलेगी। फोटो : जागरण

मुजफ्फरपुर, जागरण संवाददाता। मौसम में अभी उतार चढ़ाव जारी रहेगा। ग्रामीण कृषि मौसम सेवा, कृषि मौसम विभाग जलवायु परिवर्तन पर उच्च अध्ययन केंद्र डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा के नोडल पदाधिकारी डॉ. ए सत्तार ने बताया कि ठंड में अभी और गिरावट का पूर्वानुमान है। अधिकतम तापमान 17 से 19 डिग्री सेल्सियस के बीच और न्यूनतम तापमान छह से आठ डिग्री सेल्सियस के बीच रहेगा। इस बीच पांच से नौ किलोमीटर प्रति घंटा की गति से पछिया हवा चलेगी। उन्होंने कहा कि 17 जनवरी तक उत्तर बिहार के जिलों में आसमान में हल्के बादल रह सकते हैं। इस अवधि में मौसम के शुष्क रहने का अनुमान है। सुबह में हल्के से मध्यम कुहासा छा सकता है। सापेक्ष आद्र्रता सुबह में 70 से 80 प्रतिशत तथा दोपहर में 30 से 40 प्रतिशत रहने की संभावना है। बुधवार को सुबह में कुहासा रहा। दिन में धूप निकली लेकिन कनकनी बरकरार रही।

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किसानों को सुझाव :

-- विलंब से बोई गई गेहूं की फसल जो 30 से 35 दिनों की हो गई हो, उसमें सिंचाई के बाद चौड़ी पत्ती वाले खरपतवार (बथुआ) की अधिकता होने पर उचित दवा का छिड़काव करें।

--सब्जियों में निकाई-गुड़ाई एवं आवश्यकतानुसार सिंचाई करें। पिछात फूलगोभी, बंदगोभी में डायमंड बैक मॉथ कीट की निगरानी करें।

--सरसों की फसल में लाही कीट की नियमित रूप से निगरानी करें। यह सूक्ष्म आकार का कीट पौधो के मुलायम भागों-तने व फलियों का रस चूसते हैं। ये कीट मधु स्रााव निकालते है, जिससे पौधे पर फंगस का आक्रमण हो जाता है तथा जगह-जगह काले धब्बे दिखाई देते हंै। ग्रसित पौधों में शाखाएं कम लगतीं हैं। पौधों की वृद्धि रुक जाती है। पौधे पीले पड़कर सूखने लगते हैं। फलियां कम लगतीं हैं तथा तेल की मात्रा में भी कमी

आती है। इस कीट से बचाव के लिए डाइमेथोएट 30 ईसी दवा का 10 मिल प्रति लीटर पानी की दर से घोल कर छिड़काव करें।


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