Muzaffarpur Weather Today: कल पूरे दिन रुक-रुक कर होती रही बारिश, आज के लिए पूर्वानुमान जारी
Muzaffarpur Weather Today करीब दो सप्ताह के अंतराल के बाद फिर से मानसून के सक्रिय होने के पूरे संकेत हैं। शुक्रवार को पूरे दिन रुक-रुक कर बारिश होती रही। शनिवार की सुबह आसमान बादलों से ढंका है। आइये जानते हैं आज का पूर्वानुमान...
मुजफ्फरपुर, जागरण संवाददाता। जिला और आसपास के क्षेत्रों में मानसून फिर से सक्रिय हो गया है। शुक्रवार को पूरे दिन रुक-रुक कर बारिश होती रही। शनिवार की सुबह से ही आसमान में बादल छाए हुए हैं। इसकी वजह से लोगों को गर्मी से राहत मिली है। तापमान में कमी आई है। अभी हवा उत्तर दिशा से चल रही है। डा.राजेन्द्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा के मौसम विभाग तथा एक्यूवेदर की ओर से जारी पूर्वानुमान रिपोर्ट के अनुसार आज आसमान बादलों से ढंका रहेगा, लेकिन बारिश की संभावना कम है।
आज का अधिकतम तापमान 33 डिग्री रहने का अनुमान है। दिन के समय हवा की दिशा बदल कर पूर्व उत्तर पूर्व होने का अनुमान है। बादल छाए रहने के बावजूद बारिश होने की संभावना नहीं के बराबर है। शाम और रात के समय भी बहुत अधिक बदलाव होने का अनुमान नहीं है। डा.राजेन्द्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा के मौसम विभाग ने अगले चार दिन के लिए पूर्वानुमान जारी किया है। उसके अनुसार उत्तर बिहार के जिलों में आसमान में हल्के से मध्यम बादल देखे जा सकते हैं । अगले 12-24 घंटो में उत्तर बिहार के जिलों कहीं-कहीं हल्की वर्षा हो सकती है। उसके बाद के अवधि में आमतौर पर मौसम शुष्क रहने की सम्भावना है। इस अवधि में अधिकतम तापमान 33 से 35 डिग्री सेल्सियस एवं न्यूनतम तापमान 26-28 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने का अनुमान है। पूर्वानुमानित अवधि में पूरवा हवा औसतन 10-12 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से हवा चलने की संभावना है। सापेक्ष आर्द्रता सुबह में 75 से 80 प्रतिशत तथा दोपहर में 50 से 60 प्रतिशत रहने की संभावना है।
किसानों को सुझाव
मौसम विभाग के नोडल पदाधिकारी डा.ए सत्तार ने किसानों को सुझाव दिया कि धान की 25-30 दिनों की फसल में प्रति हेक्टेयर 30 किलोग्राम नेत्रजन का उपरिवेशन करें। अगात धान की फसल में खैरा बीमारी दिखाई पड़ने पर खेतों में जिंक सल्फेट 50 किलोग्राम तथा 2.5 किलोग्राम बुझा चूना का 500 लीटर पानी में घोल बना कर एक हेक्टेयर में छिड़काव आसमान साफ रहने पर करें। पिछात रोपी गई धान की फसल में खरपतवार नियंत्रण के कार्य को प्राथमिकता दें। मक्का की खड़ी फसल में तना छेदक कीट की निगरानी करें ।उचास जमीन में 25 अगस्त के बाद सितम्बर अरहर की बुआई कर सकते है। दुधारू पशुओं के बाड़े को सूखा रखे। सभी पशुओं को उचित कृमिनाशक दवा पिलाए। उनको धूप एवं गर्मी में चराई में नहीं भेजें। चारा-दाना सुबह में एवं देर शाम में दें जब गर्मी कम हो। अगर पशुओं को खुरपका मुहपका और गलघोटू रोगों का टीका नहीं लगवाए हो तो जरूर लगा दे।