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Muzaffarpur Weather Forecast : मुजफ्फरपुर में सुबह बूंदाबांदी के बाद खिली धूप, मिली राहत

Muzaffarpur Weather Forecast अगले चार दिन यानी 20 दिसंबर तक उत्तर बिहार के जिलों में आसमान में हल्के बादल रह सकते हैं। इस दौरान मौसम शुष्क सुबह में मध्यम से घने कुहासा छा सकता है। दिन में मौसम साफ रहने की संभावना है।

By Ajit KumarEdited By: Published: Wed, 16 Dec 2020 08:37 AM (IST)Updated: Wed, 16 Dec 2020 08:37 AM (IST)
Muzaffarpur Weather Forecast : मुजफ्फरपुर में सुबह बूंदाबांदी के बाद खिली धूप, मिली राहत
औसतन आठ से 10 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से हवा चलने की संभावना है।

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। मौसम रोज अपना मूड बदल रहा है। बुधवार सुबह की हल्की बूंदाबांदी से तापमान में गिरावट हुई। हालांकि, बूंदाबांदी के बाद धूप निकल आई है। इससे थोड़ी राहत है। ग्रामीण कृषि मौसम सेवा, कृषि मौसम विभाग डाॅ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा के तकनीकी पदाधिकारी डॉ. गुलाब सिंह, नोडल पदाधिकारी डाॅ ए. सत्तार ने बताया कि अगले चार दिन यानी 20 दिसंबर तक उत्तर बिहार के जिलों में आसमान में हल्के बादल रह सकते हैं। इस दौरान मौसम शुष्क, सुबह में मध्यम से घने कुहासा छा सकता है। दिन में मौसम साफ रहने की संभावना है। इस अवधि में अधिकतम तापमान 21 से 23 डिग्री सेल्सियस के बीच रह सकता है। इस अवधि में न्यूनतम तापमान में भारी गिरावट आ सकती है। यह आठ से 10 डिग्री सेल्सियस के बीच बने रहने की संभावना है। पूर्वानुमान अवधि में पछिया हवा चलने का अनुमान है। औसतन आठ से 10 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से हवा चलने की संभावना है। सापेक्ष आर्द्रता सुबह में 80 से 90 प्रतिशत तथा दोपहर में 40 से 50 प्रतिशत रहने की संभावना है।

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किसानों को यह दिए गए सुझाव

- अगात बोई गई गेहूं की फसल में पहली सिंचाई के बाद रोपाई के 30 से 35 दिन में कई प्रकार के खर-पतवार उग आते है। उनका विकास काफी तेजी से होता है। यह गेहूं की बढ़वार को प्रभावित करता है। इन सभी प्रकार के खरपतवारों के नियंत्रण के लिए खड़ी फसल में आसमान साफ रहने पर उचित दवा का छिड़काव करें।

-- किसान भाई को सलाह दी जाती है कि गेहूं की पिछात किस्मों की बोआई 25 दिसंबर से पहले संमपन्न करें। इसके बाद बोआई करने पर उपज में भारी कमी होती है।

-- टमाटर की फसल में फल छेदक कीट की निगरानी करें। इसके पिल्लू फल में घुसकर अन्दर से खाकर पूरी तरह फल को नष्ट कर देते हैं। इससे प्रभावित फलों की बढ़वार रुक जाती है। इसके कारण खाने लायक नहीं रहते, पूरी फसल बर्बाद हो जाती है। फल छेदक कीट से बचाव के लिए खेतों में पक्षी बसेरा लगाएं। कीट का प्रकोप दिखाई देने पर सर्वप्रथम कीट से क्षतिग्रस्त फलों की तुराई कर नष्ट कर दें एवं उसके बाद उचित दवा का छिड़काव करें।

- सब्जियों वाली फसल में निकौनी करें।

-- दुधारु पशुओं के रख-रखाव एवं खान पान पर विशेष घ्यान दें। खाने में प्रोटीन की मात्रा बढ़ा दें। निम्न तापमान के कारण दुधारु पशुओं के दूध में आई कमी को दूर करनें के लिए नियमित रुप से दाने के साथ कैल्सियम खिलाएं।

- पशुओं को रात में खुले स्थान पर नहीं रखें। बिछावन के लिए सूखी घास या राख का उपयोग करें। 


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