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Muzaffarpur Weather Forecast: कुहासा के साथ अब हाड़ कंपाने वाली ठंड के ल‍िए भी रह‍िए तैयार

Muzaffarpur Weather Forecast अभी और बढ़ेगी कनकनी। तापमान में गिरावट का क्रम जारी। मौसम विभाग का पूर्वानुमान शुष्क व साफ रहेगा मौसम सुबह व शाम घने कुहासे की संभावना। शुक्रवार की दोपहर खिली धूप से मिली राहत ।

By Ajit KumarEdited By: Published: Sat, 12 Dec 2020 06:39 AM (IST)Updated: Sat, 12 Dec 2020 06:39 AM (IST)
Muzaffarpur Weather Forecast: कुहासा के साथ अब हाड़ कंपाने वाली ठंड के ल‍िए भी रह‍िए तैयार
उत्तर बिहार के जिलों में आसमान में हल्के बादल छाए रह सकते हैं। फोटो : जागरण

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। दो-चार दिनों की ठंड से ही परेशान हो चुके लोगों के लिए अच्छी खबर नहीं है। मौसम विभाग ने अभी और ठंड बढ़ने की आशंका प्रकट की है। डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विवि पूसा के ग्रामीण कृषि मौसम सेवा के तकनीकी पदाधिकारी डॉ. गुलाब सिंह व नोडल पदाधिकारी डॉ. ए.सत्तार ने कहा कि आगामी 12 से 16 दिसंबर के बीच उत्तर बिहार के जिलों में आसमान में हल्के बादल छाए रह सकते हैं। इस दौरान मौसम के शुष्क रहने व सुबह में मध्यम से घने कुहासा छाने की संभावना है। दिन में मौसम साफ रहने की संभावना है। इस अवधि में अधिकतम तापमान 22 से 24 डिग्री सेल्सियस जबकि न्यूनतम तापमान 12-14 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने का अनुमान है। पूर्वानुमान की अवधि में पछिया हवा औसतन 8-10 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चलने की संभावना है। सापेक्ष आद्र्रता सुबह में 80 से 90 प्रतिशत तथा दोपहर में 40 से 50 प्रतिशत रहने की संभावना है।

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शुक्रवार को मिली थोड़ी राहत

तापमान में गिरावट के बीच शुक्रवार को दोपहर में खिली हल्की धूप ने लोगों को ठंड से राहत दी। हालांकि शाम होते ही कुहासे ने फिर डेरा जमा लिया। इससे ठंड का प्रकोप दिखने लगा। कनकनी महसूस की गई। अधिकतम तापमान 22.4 डिग्री सेल्सियस पर पहुंचा। यह सामान्य से 2.7 डिग्री सेल्सियस कम रहा। न्यूनतम तापमान 12.0 डिग्री सेल्सियस पर जाकर थमा। यह सामान्य से 1.2 डिग्री सेल्सियस अधिक रहा।

किसानों को दिए गए सुझाव

-- गेहूं की फसल जो 21-25 दिनों की हो गई हो, उसमें हल्की सिंचाई करें। सिंचाई के एक-दो दिनों बाद प्रति हेक्टेयर 30 किलोग्राम नेत्रजन उर्वरक का व्यवहार करें।

-- गेहूं की फसल में यदि दीमक का प्रकोप दिखाई दे तो बचाव हेतु क्लोरपायरीफॉस 20 ईसी 2 लीटर प्रति एकड़ 20-25 किलोग्राम बालू में मिलाकर खेत में ङ्क्षसचाई से पहल छिड़क दें।

-- गेहूं की पिछात किस्मों की बोआई करें।

-- गेहूं की फसल में खर-पतवार नियंत्रण की सबसे उपयुक्त अवस्था बोआई के 30 से 35 दिनों बाद होती है। गेहूं में उगने वाले सभी प्रकार के खरपतवार के नियंत्रण के लिए पहली ङ्क्षसचाई के बाद उचित दवा का छिड़काव करें।

--- टमाटर की फसल में फल छेदक कीट की निगरानी करें। पिल्लू फल में घुसकर अंदर से खाकर पूरी तरह फल को नष्ट कर देते हैं। इससे प्रभावित फलों की बढ़वार रुक जाती है। वे खाने लायक नहीं रहते। पूरी फसल बर्बाद हो जाती है। फल छेदक कीट से बचाव हेतु खेतों में पक्षी बसेरा लगाएं।

--- कीट का प्रकोप दिखाई देने पर सर्वप्रथम कीट से क्षतिग्रस्त फलों की तोड़ाई कर नष्ट कर दें।  


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