Muzaffarpur News: भूजल का अनियंत्रित दोहन खतरे की घंटी, लगाना होगा नियंत्रण
Muzaffarpur News शहर की पांच लाख आबादी पूरी तरह से भूजल पर निर्भर है। ऐसे में पानी को सोख्ता के माध्यम से फिर से जमीन में डालने की घर-घर करनी होगी व्यवस्था । पानी का अनावश्यक दोहन करने वालों पर लगाना होगा अंकुश करनी होगी कार्रवाई।
मुजफ्फरपुर, जागरण संवाददाता। भू-जल के अनियंत्रित दोहन से आने वाले समय में शहरवासियों को पेयजल संकट का सामना करना पड़ सकता है। शहर की पांच लाख आबादी पूरी तरह से भूजल पर निर्भर है। ऐसे में लोगों की हलक न सूखे इसके लिए भूजल के अनियंत्रित दोहन को रोकना होगा। गर्मी आते ही शहरी इलाके का भूजल तेजी से गिरने लगता है। मार्च से ही निगम के जलापूर्ति पंप हांफने लगते हैं। लोगों के घरों में लगे मोटर पानी खींचना बंद कर देते हैं।
शहरी इलाके के भूजल पर निगम का नियंत्रण है। इसलिए बिना निगम की अनुमति के किसी को भी जमीन का पानी दोहन करने की छूट नहीं हो। बुधवार को दैनिक जागरण के सहेज लो हर बूंद अभियान को लेकर लोगों से बातचीत की गई तो उन्होंने ये राय दी।
वार्ड पार्षद आभा रंजन ने कहा कि शहर में बड़ी संख्या में लोग सबमर्सिबल पंप लगा रहे हैं और जरूरत से ज्यादा पानी का दोहन कर रहे हैं। सामान्य मोटर से भी उनका काम चल सकता है, लेकिन वे सबमर्सिबल से लगातार पानी का दोहन कर रहे हैं। नगर निगम को इस पर अंकुश लगाना होगा। बहुमंजिले भवन जहां दो दर्जन परिवार रहते हंै उनको ही सबमर्सिबल लगाने की अनुमति मिलनी चाहिए। नगर निगम इसपर विशेष ध्यान दे।
अधिवक्ता धीरज कुमार ने कहा कि पानी के उपयोग के लिए सख्त कानून होना चाहिए ताकि कोई पानी का दोहन नहीं कर सके। यह आने वाले कल के लिए बहुत जरूरी है। जिस घर में बारिश के पानी के संचय के लिए खोख्ता नहीं हो उसे पानी कनेक्शन नहीं दिया जाना चाहिए। समाजसेवी मोहन कुमार ने कहा कि भूजल का संचित भंडार धीरे-धीरे कम हो रहा है। हम जमीन से जितना पानी निकाल रहे उतना डाल नहीं रहे। यह आने वाले गंभीर संकट का संकेत है। हमें अभी से सचेत हो जाना चाहिए नहीं तो इसके गंभीर परिणाम हमें भुगतने पड़ेंगे।