Muzaffarpur News: मुआवजा भुगतान के लिए रैयतों से मांगा रिश्वत, लिपिक के निलंबन की अनुशंसा
मुजफ्फरपुर में सरकारी कामकाज में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर डीएम ने सख्त रुख अपनाया है। रिश्वत मांगने के आरोप में एक लिपिक के निलंबन की सिफारिश ...और पढ़ें

मनमानी और लापरवाही बरतने पर जिला नियोजन पदाधिकारी का वेतन भुगतान बंद।
जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। Muzaffarpur News: सरकारी कार्यों में लापरवाही, अनियमितता और सरकारी राशि का दुरुपयोग करने को लेकर कर्मी और पदाधिकारियों पर कार्रवाई की गई है।
डीएम सुब्रत कुमार सेन ने दोषी कर्मी और पदाधिकारियों से स्पष्टीकरण पूछने और वेतन बंद करने के साथ संबंधित विभाग से निलंबन की कार्रवाई करने की भी अनुशंसा कर दी है। बताया गया कि बागमती प्रमंडल, रुन्नीसैदपुर के निम्न वर्गीय लिपिक जितेंद्र प्रसाद कुशवाहा पर बागमती विस्तारीकरण परियोजना को लेकर मुआवजा भुगतान करने के लिए रैयतों से रिश्वत मांगने का मामला सामने आया था।
जिला भू-अर्जन पदाधिकारी द्वारा डीएम को इसकी जानकारी दी गई थी। इसके अलावा पूर्व में भी कार्यपालक अभियंता बागमती प्रमंडल रून्नीसैदपुर द्वारा भी लिपिक के विरुद्ध आरोप पत्र गठित कर अधीक्षण अभियंता बाढ़ नियंत्रण अंचल, सीतामढ़ी को भेजा गया था।
शिवहर से सीतामढ़ी स्थानांतरण के बाद भी लिपिक ने पुनर्वास से जुड़े महत्वपूर्ण अभिलेख उच्च अधिकारियों द्वारा कई बार स्मारित कराने के बावजूद नहीं सौंपे। यह न केवल उच्च अधिकारी के आदेश का उल्लंघन है बल्कि सरकारी सेवक आचार नियमावली के विपरीत आचरण माना गया।
अधीक्षण अभियंता बाढ़ नियंत्रण अंचल सीतामढ़ी ने भी मुख्य अभियंता, जल संसाधन विभाग को उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की अनुशंसा की है। इन सभी बिंदुओं को गंभीर मानते हुए डीएम ने प्रधान सचिव, जल संसाधन विभाग को लिपिक के निलंबन एवं विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा की है।
सरकारी राशि गबन करने का आरोप
नगर परिषद साहेबगंज के तत्कालीन कार्यपालक पदाधिकारी रंधीर लाल के विरुद्ध भी भ्रष्टाचार के आरोप हैं। जेम पोर्टल के माध्यम से स्ट्रीट लाइट, रिफ्यूज कंपैक्टर, हाई मास्ट लाइट टावर एवं सीसी कैमरों की खरीद में घोर अनियमितता एवं सरकारी राशि के गबन करने की शिकायत उन्हें मिली थी।
अपर समाहर्ता लोक शिकायत निवारण, जिला भू-अर्जन पदाधिकारी और जिला भविष्य निधि पदाधिकारी की त्रिसदस्यीय कमेटी गठित कर जांच कराई। उपलब्ध अभिलेख और साक्ष्यों के आधार पर जांच टीम ने रंधीर लाल को वित्तीय अनियमितताओं का दोषी पाया। इसके बाद डीएम ने नगर विकास एवं आवास विभाग के सचिव को आवश्यक कार्रवाई करने की अनुशंसा भेजी है।
जिला नियोजन पदाधिकारी से स्पष्टीकरण
जिला नियोजन पदाधिकारी श्वेता वशिष्ठ के विरुद्ध भी कार्यालय संचालन में लापरवाही और अनुशासनहीनता की शिकायतें मिलने पर डीएम ने कार्रवाई की है। अपर समाहर्ता राजस्व द्वारा दो दिसंबर की सुबह 10:40 बजे निरीक्षण के दौरान वे कार्यालय से अनुपस्थित पाई गईं।
इससे पहले 21 नवंबर को भी एक महत्वपूर्ण परिवाद मामले की सुनवाई के समय वे अनुपस्थित थी। इसपर स्पष्टीकरण मांगा गया था। बार-बार मनमानी अनुपस्थिति को गंभीरता से लेते हुए डीएम ने उनका वेतन अगले आदेश तक स्थगित कर दिया है तथा पूछा है कि क्यों नहीं आपके विरुद्ध निलंबन एवं अनुशासनिक कार्रवाई की अनुशंसा की जाए।

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