Muzaffarpur Nagar Nigam: महापौर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की तैयारी, 11 जुलाई का इंतजार
जानकारी के अनुसार प्रस्ताव लाने के लिए आवश्यक पार्षदों की संख्या न सिर्फ जुटा ली गई है बल्कि उन्होंने प्रस्ताव पर हस्ताक्षर भी कर दिया है। उनको अब 11 जुलाई का इंतजार है। 11 जुलाई के बाद पार्षदों का खेला अविश्वास प्रस्ताव के साथ खुलकर सामने आएगा।
मुजफ्फरपुर, जासं। नगर निगम की राजनीति ऊपर से भले ही शांत दिखाई पड़ रही है, लेकिन अंदर ही अंदर महापौर सुरेश कुमार को कुर्सी से बेदखल करने के लिए बड़ी सियासी खिचड़ी पक रही है। पार्षदों का एक खेमा महापौर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की तैयारी कर रहा है। अंदरखाने से आ रही जानकारी के अनुसार प्रस्ताव लाने के लिए आवश्यक पार्षदों की संख्या न सिर्फ जुटा ली गई है, बल्कि उन्होंने प्रस्ताव पर हस्ताक्षर भी कर दिया है। उनको अब 11 जुलाई का इंतजार है। महापौर की दूसरी पारी के कार्यकाल को 11 जुलाई को दो साल पूरे हो जाएंगे। उसके बाद पार्षदों का खेला अविश्वास प्रस्ताव के साथ खुलकर सामने आएगा। पार्षदों का यह खेमा इसकी महीनों से तैयारी कर रहा है। सूत्रों के अनुसार प्रस्ताव आने के बाद यदि महापौर नगर निगम बोर्ड की विशेष बैठक नहीं बुलाते हैं तो इसकी भी रणनीति तैयार कर ली गई है। बहुमत जुटाने के लिए चाय पार्टी एवं मोबाइल पर पार्षदों के मन को टटोला जा रहा है। उनको महापौर को हटाने के लाभ गिनाए जा रहे हंै।
एक पार्षद ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि प्रस्ताव लाने की पूरी तैयारी की जा चुकी है। महापौर को हटाकर किसे बनाया जाएगा फिलहाल इसे गोपनीय रखा गया है, लेकिन दो दावेदार दिखाई दे रहे हंै। वार्ड तीन के पार्षद राकेश कुमार ङ्क्षपटू और वार्ड 46 के पार्षद नंद कुमार प्रसाद साह के नाम का कयास लगाया जा रहा है। हालांकि महापौर सुरेश कुमार पहली पारी में नंद कुमार प्रसाद साह को व दूसरी पारी में राकेश कुमार को मात दे चुके हैं। जुलाई 2019 में भी महापौर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आया था, जिसमें उनकी कुर्सी चली गई थी, लेकिन 11 जुलाई 2019 को हुए चुनाव में फिर से कुर्सी हासिल कर ली थी। अविश्वास प्रस्ताव को लेकर शहर की राजनीति के दो ङ्क्षकग मेकरों की भूमिका पर भी नजर है। फिलहाल अभी वे खुलकर सामने नहीं आ रहे हैं।
तीन खेमों में बंटे हैैं निगम के पार्षद
नगर निगम मे महापौर एवं उपमहापौर समेत 49 वार्ड पार्षद हैं। वर्तमान में वे तीन खेमों में बंटे हैं। एक खेमा महापौर और दूसरा उपमहापौर मानमर्दन शुक्ला हैं। तीसरा खेमा उन पार्षदों का है जो दोनों से अलग हैं। यही खेमा ही हार-जीत का फैसला करेगा। उपमहापौर और महापौर खेमा के नाराज कुछ पार्षद अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी करने वाली टीम में शामिल हैं। महापौर खेमा को इसकी भनक है इसलिए वह अभी से अविश्वास प्रस्ताव की काट की तैयारी में लग गए हैं। फिलहाल उनकी कोशिश है कि प्रस्ताव आए ही नहीं।