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मुजफ्फरपुर नगर निगम की गाड़ी बेपटरी,गतिविधियों पर ब्रेक

एक माह पूर्व तक तेज रफ्तार से भाग रही नगर निगम की गाड़ी बेपटरी हो गई है। नगर आयुक्त विवेक रंजन मैत्रेय के तबादले के बाद जहां विकास योजनाओं को ब्रेक लग गया है वहीं निगम की गतिविधियों भी सुस्त पड़ गई हैं। नगर निगम के कनीय अधिकारी शाखा प्रभारी एवं कर्मचारी सभी आराम की मुद्रा में हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 17 Aug 2022 07:42 PM (IST)Updated: Wed, 17 Aug 2022 07:42 PM (IST)
मुजफ्फरपुर नगर निगम की गाड़ी बेपटरी,गतिविधियों पर ब्रेक
मुजफ्फरपुर नगर निगम की गाड़ी बेपटरी,गतिविधियों पर ब्रेक

मुजफ्फरपुर। एक माह पूर्व तक तेज रफ्तार से भाग रही नगर निगम की गाड़ी बेपटरी हो गई है। नगर आयुक्त विवेक रंजन मैत्रेय के तबादले के बाद जहां विकास योजनाओं को ब्रेक लग गया है, वहीं निगम की गतिविधियों भी सुस्त पड़ गई हैं। नगर निगम के कनीय अधिकारी, शाखा प्रभारी एवं कर्मचारी, सभी आराम की मुद्रा में हैं। बतौर प्रशासक प्रतिनियुक्त डीडीसी आशुतोष द्विवेदी निगम को अधिक समय नहीं दे पा रहे हैं। हाल ही में काम संभाले नगर प्रबंधक, उप नगर आयुक्त, अपर नगर आयुक्त कार्यो को नहीं दे पा रहे हैं। निगम द्वारा अतिक्रमण एवं प्रतिबंधित प्लास्टिक के खिलाफ चलाया जा रहा अभियान ठप है। ट्रेड लाइसेंस का काम सबसे अधिक प्रभावित हुआ है। लाइसेंस लेने अब इक्का-दुक्का लोग आगे आ रहे हैं। अब तक जुलाई माह का वेतन एवं पारिश्रमिक कर्मचारियों को नहीं मिल सका है। इससे कर्मचारियों में भारी नाराजगी है और वे 20 अगस्त से निगम का चक्का जाम करने का एलान कर चुके हैं। निगम द्वारा संचालित विकास योजनाएं भी मंद पड़ गई हैं। फिर से सड़कों पर सजी अवैध दुकानें

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शहर की सड़कों को अतिक्रमण मुक्त करने के लिए रोजाना अभियान चलाया जा रहा था। नगर आयुक्त स्वयं सड़क पर उतर अतिक्रमणकारियों की खबर ले रहे थे, लेकिन मैत्रेय के जाने के बाद से अभियान ठप है। नियमित अभियान चलाने के लिए निगम द्वारा टास्क फोर्स का गठन गया था। टास्क फोर्स की गतिविधि भी ठप है। सड़कों पर फिर से अवैध दुकानें सज गई हैं। सिगल यूज प्लास्टिक के विरुद्ध अभियान की अनदेखी

- पहली जुलाई से प्रदेश के सभी शहरों में सिगल यूज प्लास्टिक पर रोक है। रोक का उल्लंघन करने वालों पर जुर्माना लगाने की जिम्मेवारी नगर निगम की है। निगम द्वारा इसके लिए स्क्वाड टीम का गठन किया गया था। इसकी कमान नगर प्रबंधक को सौंपी गई थी। हर दिन अभियान चलाकर प्रतिबंधित प्लास्टिक का उपयोग करने वालों से जुर्माना वसूल किया जा रहा था। वह भी अब नहीं हो रहा है। अब ट्रेड लाइसेंस लेने नहीं आ रहे लोग

एक माह पूर्व तक निगम कार्यालय में ट्रेंड लाइसेंस लेने वालों की भीड़ लगी हुई थी। तमाम विरोध के बाद लाइसेंस से वसूली काम चल रहा था। अब लाइसेंस लेने वाले गायब हो गए हैं। वह भी तब जब लाइसेंस लेने के फैसले पर नगर विकास विभाग अपनी सहमति दे चुकी है। शाखा प्रभारी उमेश कुमार सिंह का कहना है कि लोग अब लाइसेंस लेने नहीं आ रहे हैं। साफ-सफाई का काम प्रभावित

: एक माह से शहर की साफ-सफाई का काम ठीक से नहीं हो रहा है। डंपिंग स्थलों से नियमित कूड़े का उठाव नहीं हो पा रहा है। गलियों में भी जगह-जगह कचरे का अंबार लगा हुआ है। मच्छरों एवं बेसहारा पशुओं खिलाफ अभियान नहीं चल रहा है। नालों की उड़ाही का काम भी नहीं हो रहा है। कर्मचारियों में नाराजगी

नगर निगम कर्मचारियों में भारी नाराजगी है। विवेक रंजन मैत्रेय के कार्यकाल में उन्हें माह के पहले सप्ताह में वेतन मिल जाता था, लेकिन उनके तबादले के बाद कर्मचारियों को अब तक जुलाई माह का वेतन नहीं मिला है। वहीं दैनिक मजदूरों को भी पारिश्रमिक नहीं मिल पाया है। कर्मचारियों ने वेतन के लिए 20 अगस्त से हड़ताल पर जाने की घोषणा की है।


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