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Muzaffarpur Nigam Board Meeting: छह घंटे चली बैठक, हो-हंगामा एवं नाश्ता-पानी हुआ, परिणाम कुछ भी नहीं

Muzaffarpur Nagar Nigam Board Meetingनगर विकास मंत्री ने दिखाया विकास का सपना विधान पार्षद ने निगम को दिखाया आईना। एजेंडे पर चर्चा से पहले ही एक-एक कर बैठक से चले गए वार्ड पार्षद

By Murari KumarEdited By: Published: Wed, 16 Sep 2020 09:11 PM (IST)Updated: Thu, 17 Sep 2020 07:46 AM (IST)
Muzaffarpur Nigam Board Meeting: छह घंटे चली बैठक, हो-हंगामा एवं नाश्ता-पानी हुआ, परिणाम कुछ भी नहीं
Muzaffarpur Nigam Board Meeting: छह घंटे चली बैठक, हो-हंगामा एवं नाश्ता-पानी हुआ, परिणाम कुछ भी नहीं

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। हो-हंगामा के बीच नगर निगम बोर्ड की बैठक जिला परिषद सभागार में छह घंटे तक चली। इसमें नगर विकास एवं आवास मंत्री सुरेश कुमार शर्मा ने विकास का सपना दिखाया। विधान पार्षद दिनेश सिंह ने शहर की दुर्दशा को लेकर निगम को आईना दिखाया। उसके बाद के समय में जमकर हो-हंगामा व आरोप-प्रत्यारोप का दौर ही चला। फिर हर बार की तरह वार्ड पार्षदों के शिकवे-शिकायतें और काम नहीं होने का रोना-धोना हुआ। नाश्ता-पानी के साथ हंसी-मजाक भी हुआ। इसके अलावा कुछ भी नहीं हो सका। इस प्रकार मैराथन बैठक में इस बार भी कोई परिणाम नहीं निकला। 

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 महापौर सुरेश कुमार की अध्यक्षता में हुई बैठक में उपमहापौर मानमर्दन शुक्ला, नगर आयुक्त विवेक रंजन मैत्रेय, कार्यपालक अभियंता अशोक कुमार सिन्हा, अपर नगर आयुक्त विशाल आनंद, उपनगर आयुक्त हीरा कुमारी, राकेश कुमार व रणधीर लाल समेत वार्ड पार्षदों ने भाग लिया।  बैठक की गंभीरता की बात करें तो एजेंडा पर बात होने से पहले आधे से अधिक वार्ड पार्षद एक-एक कर चले गए। हालांकि चर्चा के लिए दर्जनभर एजेंडा रखे गए थे। वह महज औपचारिकता बनकर रह गए। समस्याओं के बोझ तले दबे शहरवासियों को उम्मीद थी कि ऐसे फैसले होंगे, जिससे उनको राहत मिल सके। लेकिन, ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। 

निगम में किसकी चलती इसको लेकर जमकर हंगामा 

वार्ड-छह के पार्षद जावेद अख्तर ने कहा कि पहले के महापौर डमी थे। वे रिमोट कंट्रोल से चलते थे। लेकिन, वर्तमान महापौर स्वतंत्र होकर काम करते हैं। उनकी इस बात पर राकेश कुमार पप्पू, राजीव कुमार पंकू समेत दर्जनभर पार्षदों ने बेल में आकर जमकर हंगामा किया। उसके बाद राजीव कुमार पंकू ने कार्यपालक अभियंता की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करते हुए हंगामा किया और बेल के सामने आकर बैठ गए। पूरी बैठक में कई बार इस तरह से हो-हंगामा व आरोप-प्रत्यारोप का दौर चला। एक पार्षद पति निगम के खिलाफ पोस्टर लेकर प्रदर्शन करते नजर आए। 

कहां तक मंजिल पहंची पता नहीं 

गत बैठक की संपुष्टि पर चर्चा के दौरान वार्ड 20 के पार्षद संजय केजरीवाल ने निगम की कार्यप्रणाली की पोल खोली। उन्होंने गत बैठक में लिए गए फैसलों का अनुपालन नहीं होने पर सवाल खड़े किए। पूछा कहां तक मंजिल पहुंची पता नहीं? उन्होंने कहा कि साढ़े तीन साल में बोर्ड एवं समिति की बैठकों में फैसले लिए गए। उनका दस फीसदी भी अनुपालन नहीं हुआ। ऐसे में बोर्ड की बैठक का कोई औचित्य नहीं। 

हंसी में टाल दिए गए गंभीर आरोप 

बैठक में बिना काम हुए सड़क का उद्घाटन किए जाने, बिना काम हुए पुलिया निर्माण का भुगतान, संवेदकों की मनमानी से समय पर काम पूरा नहीं होने, नाला के ऊपर पक्का मकान बना लेने जैसे कई गंभीर सवाल उठे। लेकिन, सभी को हंसी में टाल दिया गया। कोई फैसला नहीं लिया गया। 

पूरे परिवार के साथ बैठक में शामिल हुए पार्षद 

बोर्ड की बैठक में कई वार्ड पार्षद पूरे परिवार के साथ शामिल हुए। चार महिला पार्षद के साथ उनके पति व बच्चे भी साथ बैठे थे। कुछ महिला पार्षद की जगह उनके पति बैठक में बोलते व चर्चा करते नजर आए। कई पार्षदों के साथी-संगी भी बैठक में उनके साथ शामिल रहे। 

जलजमाव को लेकर दिखा आक्रोश 

जलजमाव को लेकर पार्षदों में आक्रोश दिखा। वार्ड 42 की पार्षद अर्चना पंडित ने कहा कि जलजमाव से उनको अपने वार्ड में रोज जिल्लत का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन निगम उनकी सुनने को तैयार नहीं है। जब निगम द्वारा कोई जवाब नहीं मिला तो वह नाराज होकर चली गईं। 


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