मात्र 368 में स्टिंग बग से लीची किसानों को मिल जाएगी मुक्ति, विभाग ने की पहल
लीची के बागों को स्टिंग बग से बचाने के लिए सरकार ने मुजफ्फरपुर के मीनापुर और मुशहरी में सामूहिक छिड़काव का फैसला किया है। पहले चरण में 30 हजार पेड़ों पर छिड़काव होगा, जिसके लिए किसानों को ऑनलाइन पंजीकरण कराना होगा। सरकार 70% खर्च देगी, जबकि किसानों को केवल 30% देना होगा। इस योजना से लीची किसानों को स्टिंग बग से मुक्ति मिलेगी।
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जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर! लीची बागों को स्टिंग बग कीट के प्रकोप से बचाने के लिए सरकार सामूहिक स्तर पर पहल करने जा रही है। इसके तहत जिले के मीनापुर और मुशहरी प्रखंड के बागों का चयन किया गया है।
इस योजना के अंतर्गत पहले चरण में सर्वाधिक प्रभाव वाले इलाके के 30 हजार लीची पेड़ों पर कीटनाशी दवा का छिड़काव कराया जाएगा। पौधा संरक्षण विभाग ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। जिला पौधा संरक्षण पदाधिकारी चंद्रदीप कुमार ने बताया कि उन्होंने मीनापुर और मुशहरी के बागों का निरीक्षण किया।
वहां किसानों ने बताया कि केवल एक बाग में कीट प्रबंधन से लाभ नहीं हो रहा है। इसलिए सामूहिक पहल की जरूरत महसूस की गई। इसी को देखते हुए विभागीय स्तर पर छिड़काव अभियान चलाया जा रहा है। किसानों को इसके लिए आनलाइन निबंधन कराना होगा।
सरकार इस योजना के तहत छिड़काव पर कुल खर्च का 70 प्रतिशत वहन करेगी, जबकि किसानों को 30 प्रतिशत राशि देनी होगी। विभाग की ओर से दवा, छिड़काव मशीन और कर्मियों की व्यवस्था की जाएगी। लीची के पेड़ों पर दो बार छिड़काव किया जाएगा।
पहले छिड़काव के लिए किसान को 216 रुपये और दूसरे के लिए 152 रुपये देने होंगे। वहीं आम के लिए पहले छिड़काव की दर 79 रुपये और दूसरे की 96 रुपये तय की गई है। इस वर्ष लीची के 30 हजार, आम के 20 हजार और अमरूद के एक हजार पेड़ों पर छिड़काव का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके अलावा केला के लिए 20 हजार हेक्टेयर और पपीता के लिए दो हेक्टेयर का लक्ष्य तय हुआ है।
विभाग चलाएगा विशेष अभियान
विभाग से मिली जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत बागवानी फसलों में कीट प्रबंधन योजना के लिए 11 करोड़ 99 लाख 97 हजार रुपये की स्वीकृति दी गई है। यह राशि योजना के संचालन, निगरानी और किसानों की फसलों में कीट नियंत्रण व्यवस्था को मजबूत करने पर व्यय की जाएगी। इससे लीची, आम, अमरूद, केला और पपीता की फसलों में सुरक्षित और समयबद्ध कीटनाशी छिड़काव सुनिश्चित किया जाएगा।

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