मुजफ्फरपुर के शराब तस्कर उमेश विशेष कोर्ट से दोषी करार अब 30 को तय होगी सजा
Muzaffarpur crime news सजा के बिंदु पर विशेष कोर्ट में 30 मई को होगी सुनवाई। 16 जुलाई 2020 को हथौड़ी थाना क्षेत्र के माधोपुर में एक ट्रक शराब के साथ किया गया था गिरफ्तार पांच अन्य फरार।
मुजफ्फरपुर, जासं। शराब धंधेबाज मीनापुर थाना क्षेत्र के डुबरबन्ना गांव के उमेश सहनी को विशेष कोर्ट (उत्पाद व मद्यनिषेध) संख्या-एक ने शुक्रवार को दोषी करार दिया है। उसकी सजा के बिंदु पर विशेष कोर्ट में 30 मई को सुनवाई होगी। मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से अनुमंडल अभियोजन पदाधिकारी व अपर विशेष लोक अभियोजक सत्येंद्र प्रसाद ने कोर्ट के समक्ष साक्ष्य पेश किया।
शराब के कार्टन लदे ट्रक के साथ गिरफ्तार हुआ था उमेश
घटना 16 जनवरी 2020 की है। हथौड़ी थाना के पुलिस अवर निरीक्षक उमाकांत सिंह ने प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इसमें कहा था कि रात करीब दो बजे उन्हें गुप्त सूचना मिली कि माधोपुर रोड में ट्रक से शराब उतारी जा रही है। इस पर पुलिस टीम के साथ वहां छापेमारी की। पुलिस गाड़ी को देखकर चार-पांच धंधेबाज भाग निकले। टार्च की रोशनी में स्थानीय चौकीदारों ने उसकी पहचान कर ली। भागने वालों में मीनापुर थाना के शाहपुर-मनिकपुर गांव के राजीव सहनी, मुकेश सहनी, अजय राय, भूषण राय, गंगा राय शामिल था। एक व्यक्ति ट्रक के ऊपर चढ़ा मिला। पुलिस बल की सहायता से उसे नीचे उतारकर पूछताछ की। उसकी पहचान मीनापुर थाना क्षेत्र डुबरबन्ना गांव के उमेश सहनी के रूप में हुई। उसे गिरफ्तार कर लिया गया। ट्रक से 350 कार्टन व बोरी से शराब बरामद की गई।
अधिकारियों के तलब किए जाने को लेकर चर्चित हुआ था मामला
पिछले महीने यह मामला तब चर्चित हुआ जब उच्च न्यायालय ने उमेश सहनी की जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान विशेष निर्देश दिया था। इसके अनुसार एसएसपी जयंतकांत, उत्पाद अधीक्षक संजय कुमार राय, जीएसटी के संयुक्त आयुक्त गोपाल कुमार अग्रवाल व डीटीओ सुशील कुमार को तलब किया गया था। सभी अधिकारियों को विशेष कोर्ट के समक्ष उपस्थित होकर लिखित उत्तर देना था, लेकिन हथौड़ी थाना पुलिस ने समय से विशेष कोर्ट में गवाहों को क्यों नहीं पेश नहीं किया। अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों ने समय से अपने दायित्वों का निर्वहन क्यों नहीं किया। इससे सत्र-विचारण में देरी हुई। उच्च न्यायालय ने छह माह के अंदर सत्र-विचारण पूरा करने का निर्देश दिया था। इन अधिकारियों से यह भी पूछा गया था कि जिले में शराब की आवक क्यों नहीं रोकी जा रही है। उच्च न्यायालय के निर्देश पर पिछले महीने सभी अधिकारियों ने विशेष कोर्ट के समक्ष उपस्थित होकर लिखित उत्तर पेश किया।