लॉकडाउन में भी मुजफ्फरपुर राज्य में सर्वाधिक प्रदूषित शहर, पटना दूसरे स्थान पर...
मुजफ्फरपुर में 100.64 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर सूक्ष्म धूलकण की मात्रा रिकॉर्ड की गई। 62.07 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर रही राजधानी पटना की हवा में सूक्ष्म धूलकण की मात्र।
पटना, जेएनएन। देश में लॉकडाउन के बावजूद मुजफ्फरपुर राज्य का सर्वाधिक प्रदूषित शहर बना हुआ है। अभी भी यहाँ की हवा सांस लेने में बाधा पहुंचा रही है। वहां की हवा में सूक्ष्म धूलकणों की मात्र मानक से ज्यादा है। वहीं प्रदूषण के मामले में राजधानी पटना राज्य में दूसरे स्थान और गया तीसरे पायदान पर है।
जेनरेटर का धुआं वातावरण को कर रहा प्रदूषित
बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के अध्ययन केंद्रों के अनुसार रविवार को मुजफ्फरपुर राज्य का सर्वाधिक प्रदूषित शहर रहा। वहां की हवा में 100.64 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर सूक्ष्म धूलकण की मात्र रिकॉर्ड की गई। हालांकि पूर्व के दिनों की तुलना में कुछ सुधार हुआ है। 25 मार्च को मुजफ्फरपुर की हवा में सूक्ष्म धूलकण की मात्र 115.64 माइक्रो ग्राम प्रतिघन मीटर रिकार्ड की गई थी। इसका कारण वहां जेनरेटर का धुआं वातावरण में घुलना है। वहीं राजधानी की हवा में रविवार को सूक्ष्म धूलकण की मात्र 62.07 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर रही। गया में यह आंकड़ा 58.17 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर दर्ज किया गया।
राजधानी में राजवंशीगर की हवा सबसे स्वच्छ
राजधानी में राजवंशीनगर की हवा सबसे स्वच्छ रही। यहां रविवार को 38.61 माइक्रोग्राम प्रतिघन मीटर सूक्ष्म धूलकण की मात्र रिकॉर्ड की गई। वहीं शेखपुरा इलाके में यह आंकड़ा 48.08 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर रहा। मुरादपुर में 52.33 और समनपुरा की हवा में सूक्ष्म धूलकण की मात्र 56.91 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर दर्ज की गई। राजधानी में सबसे ज्यादा प्रदूषित हवा तारामंडल के आसपास रही। यहां वाहनों का सबसे ज्यादा परिचालन होने के कारण सूक्ष्म धूलकणों की मात्र 62.07 माइक्रोग्राम प्रतिघन मीटर रही। दानापुर के डीआरएम कार्यालय के पास की रिपोर्ट वहां स्थित प्रदूषण अध्ययन केंद्र से फिलहाल नहीं मिल रही है। बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ.नवीन कुमार का कहना है कि किसी भी स्थान की हवा में सांस लेने के लिए सूक्ष्म धूलकण की मात्र 60 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर से कम होना चाहिए। 60 माइक्रो ग्राम प्रति घनमीटर से अधिक सूक्ष्म धूलकण होना मानव स्वास्थ्य के लिए अत्यंत घातक हो सकता है।
पनप रहीं सांस की बीमारियां
पीएमसीएच के हार्ट रोग विशेषज्ञ डॉ.अशोक कुमार का कहना है कि सांस संबंधी कई बीमारियों का मुख्य कारण प्रदूषण है। प्रदूषण के कारण ही लोगों में बीपी एवं तनाव की समस्या पैदा हो रही है। प्रदूषण पर नियंत्रण होने से बीपी सहित कई बीमारियों में कमी आएगी।