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बाढ़ का कहर: कल तक थी हरियाली, आज चहुंओर पानी ही पानी

बिहार में आई बाढ़ से मुजफ्फरपुर केकरीब ढ़ाई लाख लोग त्रस्‍त हैं। इस साल अच्छी बारिश हुई, तो किसानो के चेहरे दमक उठे, लेकिन इसके बाद पानी ने सब बर्बाद कर दिया।

By Edited By: Published: Fri, 18 Aug 2017 02:29 AM (IST)Updated: Fri, 18 Aug 2017 10:06 AM (IST)
बाढ़ का कहर: कल तक थी हरियाली, आज चहुंओर पानी ही पानी
बाढ़ का कहर: कल तक थी हरियाली, आज चहुंओर पानी ही पानी

मुजफ्फरपुर [जेएनएन]। इस साल अच्छी बारिश हुई तो किसानो के चेहरे दमक उठे। जरूरत के हिसाब से पानी मिला तो खेतों मे धान की फसल भी लहलहाने लगी थी। खेतिहर भी अच्छी पैदावार को ले हिसाब-किताब में जुट गए थे। लेकिन, बागमती ने बर्बादी की ऐसी पृष्ठभूमि तैयार की कि सब जलप्लावित हो गया। इसके बाद तो नारायणी व बूढ़ी गंडक ने ऐसा रौद्र रूप धरा कि छह प्रखंडो की 30 पंचायतो की हरियाली अथाह पानी में जलमग्न हो गई। आज करीब ढाई लाख से अधिक की आबादी के सामने रोटी-रोटी के लाले हैं।

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हर ओर बर्बादी का मंजर

बाढ़ की विभीषिका देखने जब निकलते हैं तो गायघाट के मैठी टोल प्लाजा से आगे बढ़ने के बाद मंजर बदल जाता है। पानी के अंदर खेत व फसल गुम हो गए है। बेनीबाद चौक से आगे कटरा के बर्री, नवादा, अदामा, बकुची, गंगेया, माधोपुर, चंदौली, औराई के बलीगढ़, माधोपुर, रामखेतारी, राजखंड, गायघाट के शिवदाहा, शिवदाहा बरैल, जहागीरपुर, महेशवाड़ा, बठवाड़ा, तेजौल, बरूआरी लदौर केवटसा, पारू के फतेहाबाद, उस्ती, देवरिया, सोहासी, सिंगाही, साहेबगंज के माधोपुर हजारी, बासुदेवपुर सराय, बंगरा निजामत, रूपछपरा व हुस्सेपुर पचायत व मीनापुर के जामिन मठिया, बड़ा भारती, हरका, हरशेर, नंदना व धारपुर आदि में हजारों हेक्टेयर मे लगी फसलें बाढ़ के पानी में पूरी तरह डूब चुकी हैं।

सब कुछ बर्बाद हो गेलई

''बाबू, इस बार फसल बहुते अच्छा होइल रहलई, लेकिन इ बाढ़ मे सबकुछ बर्बाद हो गेलई। कुछो न बचलई। घर गिर गेल। सामान सब ओकरे मे रह गेल। अनाजो सब न निकाल पइली। सब पानी मे भीग के खराब हो गेलई। अब त जमे लगल हई। अब कइसे जिंदगी कटतई, इ न जनइ छी।'' यह पीड़ा है कटरा प्रखंड के नवादा निवासी रामबाबू सहनी, फुदेन सहनी, गौतम देवी व राजनारायण सहनी की।

औराई के बाढ़ पीडि़त सुजीत सहनी, बबलू, रामबाबू राय, उमेश राय, हरिचरण राय, राजेश यादव, रामदरेश सहनी, राधेश्याम राय कहते हैं कि वे दाने-दाने को मोहताज हो रहे हैं। पशुओं के लिए चारे का भी संकट उत्पन्न हो गया है। अगली फसल तैयार होने में महीनों लगेंगे। पता नही हम लोगों की जिंदगी कैसे कटेगी, क्या हम खाएंगे और क्या बच्चों को खिलाएंगे?

इतने प्रभावित

प्रखंड: छह (औराई, कटरा, गायघाट, साहेबगंज, पारू व मीनापुर)

पंचायत: 30

गांव: 52

सड़क संपर्क भंग गांव: 27

प्रभावित लोग: करीब ढाई लाख

प्रभावित पशु: 5978

फसल: 16 हजार हेक्टेयर

कहां कितना नुकसान

कृषि विभाग से मिले आंकड़े के अनुसार करीब 21 करोड़ से अधिक के फसल का नुकसान हुआ है।

प्रखंड : हेक्टेयर

- औराई : 5350

- कटरा : 4726

- पारू : 2076

- गायघाट : 1493

- साहेबगज : 1968

- मीनापुर : 300


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