मुजफ्फरपुर: हैलो ! कोतवाल साहब, लॉकडाउन का उल्लंघन हो रहा, उधर से आवाज आई..बीप..बीप..बीप
आखिरकार बदजुबानी की अमर्यादित भाषा सामने आ गई। बड़े साहब से जब इसकी शिकायत की गई तो उनका अंदाज भी उसी तरीके का था। वह अमर्यादित नहीं था। पूर्व में भी कई कोतवालों की अमर्यादित बातचीत का ऑडियो वायरल हो चुका है।
मुजफ्फरपुर, [संजीव कुमार]। चौराहे वाले थाने के कोतवाल की अमर्यादित भाषा का ऑडियो वायरल हुआ है। एक सज्जन ने उन्हें कॉल करके लॉकडाउन के उल्लंघन की सूचना दी। बातचीत के अंदाज से प्रतीत हो रहा कि कोतवाल कितने सलीके से बोल रहे हंै। आखिरकार बदजुबानी की अमर्यादित भाषा सामने आ गई। बड़े साहब से जब इसकी शिकायत की गई तो उनका अंदाज भी उसी तरीके का था। वह अमर्यादित नहीं था। पूर्व में भी कई कोतवालों की अमर्यादित बातचीत का ऑडियो वायरल हो चुका है। इस पर पूर्व के साहब त्वरित संज्ञात लेते हुए संबंधित पर कार्रवाई करते थे, लेकिन ऐसी गलती को दबाने से क्या कोतवाल की भाषा सुधर जाएगी? अगर नहीं तो कार्रवाई क्यों नहीं? कई कोतवाल तो सरकारी मोबाइल पर आई कॉल को रिसीव करना भी उचित नहीं समझते हैैं। वे जानते नहीं कि जनता के लिए ही उन्हें मोबाइल दिया गया, लेकिन आदत से बाज नहीं आ रहे।
थाने में होता धारा के नाम पर खेल
जिले के कई थानों में प्राथमिकी में धारा लगाने के नाम पर खेल किया जाता है। शहर की तुलना में ग्रामीण क्षेत्र के थानों में कुछ ज्यादा ही भोले-भाले लोगों को इस खेल में फंसाकर जेब गर्म की जाती है। राजधानी मार्ग के दो ओपी वाले एक थाने में मारपीट के मामले में गंभीर धारा लगाने के नाम पर गत सप्ताह बड़ा खेल किया गया। इस कारनामे में कोतवाल से लेकर मुंशी तक शामिल होते हैैं। इसके अलावा लाल पानी पीने के मामले में पकड़े गए आरोपितों को बचाने के लिए भी कई थानों में धारा लगाने का खेल चलता है। यूं कहे तो हर आवेदन में धारा लगाने के बदले जेब गर्म करने का काम किया जाता है। कई बार साहब के पास इसकी शिकायत भी पहुंची, लेकिन इस पर उनकी नजर नहीं है। इससे कोतवाल से लेकर मुंशी तक की जेब गर्म रहती है।
गोपनीय जांच में नेताजी रहते शामिल
शहरी क्षेत्र में छोटी-बड़ी किसी भी आपराधिक घटना की जांच में नेताजी की जोड़ी अक्सर देखने को मिल जाती है। एक नेताजी दिन के हिसाब से कपड़े पहनते हैं। कोतवाल के लिए वह भोपू लेकर लोगों से अपील करने लग जाते हैं। गत दिनों आदर्श कहे जाने वाले थाना क्षेत्र में गोली मारकर कारोबारी की हत्या की घटना में एक नेताजी पूरी रात साहब को चक्कर कटवाते रहे। इसी तरह वैन से कैश लूट की कोशिश की घटना में सतरंगी कपड़े पहनने वाले नेताजी भोपू लेकर पुलिस के लिए उतर गए। यही नहीं हाकिम द्वारा गोपनीय जांच की बात बताकर सबको हटा दिया गया। वहीं, नेताजी वहां बड़े हाकिम की भूमिका में जमे रहे। कैमरे की लाइट उनपर पड़ती रहे। इसके लिए वे नए-नए तरीके आजमाते हैैं।
चालान के साथ जेब गर्म कर रहे वर्दीधारी
कोरोना संक्रमण से बचाव को सरकार के निर्धारित मापदंडों का सभी को पालन करना अनिवार्य है। इसके उल्लंघन में सरकार के खजाने में जहां चालान की राशि जमा हो रही है। वहीं सड़कों पर तैनात वर्धीधारी अपनी जेब गर्म करने का भी काम कर रहे हैैं। मास्क जांच अभियान में लगाए गए पुलिसकर्मी कई वाहन वालों से चालान से ज्यादा राशि ले रहे हैैं। इसमें कई ऐसे भी वर्दीधारी हंै, जिन्हें यह पता नहीं कि आवश्यक कार्य वाले को प्रशासन की ओर से छूट भी दी जा चुकी है। वे ऐसे लोगों को भी पकड़कर उनसे जुर्माना वसूल रहे हैं। गत दिनों एक बैंककर्मी पर डंडे भी चटकाए गए थे। इसकी शिकायत महकमे के मुखिया से लेकर तमाम साहब से की गई। इसके बाद भी कोई सुधार नहीं हुआ। नतीजा एक दिन पहले वर्दीधारी का चालान वाला बैग भी छीन लिया गया, लेकिन वह अपनी हरकत से बाज नहीं आ रहा।