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Muzaffarpur Electricity Supply: मीटर रीडरों के हड़ताल पर जाने के बाद विभाग करा रहा अधूरी रीडिंग

Muzaffarpur Electricity Supply मीटर रीडरों का कहना है कि कोविड-19 संक्रमण काल में निजी कंपनी के कर्मियों का काफी तेजी से मानदेय में कटौती किया जा रहा है। इसकी लिखित शिकायत सुपरवाइजर और मीटर रीडरों द्वारा सभी विद्युत इंजीनियरों से की गई।

By Ajit KumarEdited By: Published: Wed, 02 Dec 2020 08:14 AM (IST)Updated: Wed, 02 Dec 2020 08:14 AM (IST)
Muzaffarpur Electricity Supply: मीटर रीडरों के हड़ताल पर जाने के बाद विभाग करा रहा अधूरी रीडिंग
बिजली विभाग में मीटर रीडरों की कमी होने के कारण मानदेय में कटौती माना जा रहा है। फाइल फोटो

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। Muzaffarpur Electricity Supply: बिजली विभाग में निजी कंपनी के मीटर रीडरों के हड़ताल पर चले जाने के बाद विभाग खुद रीडिंग करा रहा है। इससे उपभोक्ताओं की आधी अधूरी रीडिंग हो रही है। नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन के शहरी-2 डिविजन में फिलहाल यह समस्या आई है। शहरी -2 डिविजन के अहियापुर, बोचहां, झपहां आदि इलाके में हजारों उपभोक्ता हैं। 

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आधी अधूरी मीटर रीडिंग

निजी कंपनी के मीटर रीडर के पिछले महीने हड़ताल पर चले जाने के बाद काफी दिनों तक मीटर रीडिंग बंद रहा। बाद में विभाग के अधिकारियों द्वारा तकरीब लगाकर नये लड़कों को गुमराह करके कुछ लोगों से काम लेना शुरू किया। इससे कुछ लोगों की आधी अधूरी मीटर रीडिंग शुरू हुई। एक निजी मीटर रीडर ने बताया कि नवंबर महीना में हड़ताल के कारण मात्र 20 फीसद लोगों के घरों की ही मीटर रीडिंग हो सकी है। इसके कारण एवरेज बिजली बिल भेजा जा रहा है। मीटर रीडरों का कहना है कि, कोविड-19 संक्रमण काल में निजी कंपनी के कर्मियों का काफी तेजी से मानदेय में कटौती किया जा रहा है। इसकी लिखित शिकायत सुपरवाइजर और मीटर रीडरों द्वारा सभी विद्युत इंजीनियरों से की गई। बावजूद दीपावली, छठ जैसे महत्वपूर्ण पर्व के मौके पर भी मीटर रीडरों का मानदेय नहीं मिल सका। इसके कारण उनके बच्चे खुशियां छीन गईं। आक्रोशित मीटर रीडर हड़ताल पर चले गए।

मीटर रीडिंग नहीं करेंगे

एक मीटर सुपरवाइजर ने बताया कि, नवंबर के बाद दिसंबर महीने का भी मीटर रीडिंग नहीं करेंगे। विभाग के अधिकारी नये लड़कों के रखकर मीटर रीडिंग करा रहे हैं। इससे आधी-अधूरी मीटर रीडिंग हो रही है। कुछ लोगों को एवरेज बिजली बिल भेजा जा रहा है। हड़ताल टूटने के बाद जब मीटर से फोटो लेकर रीडिंग पर बल बनेगा, उस वक्त उपभोक्ताओं को ज्यादा पैसे देना पड़ेगा। इधर, विद्युत अधिकारी इस मामले में कुछ भी बताने को तैयार नहीं हैं। बता दें कि, बिजली विभाग में मीटर रीडरों की कमी होने के कारण मानदेय में कटौती माना जा रहा है। इसको लेकर उपभोक्ताओं को अनाप-शनाप पैसे भरने पड़ रहे हैं। 


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