मुजफ्फरपुर डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने कहा, लंबित मामलों का शीघ्र करें निष्पादन
डीएम ने की अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के दायर मामलों की समीक्षा। अब तक प्राप्त आवेदनों की विवरणी समिति के समक्ष प्रपत्र में उपलब्ध कराने को कहा।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार निवारण के लिए प्रशासन प्रतिबद्ध है। संपूर्ण तंत्र इस दिशा में तत्पर है। अधिनियम की जिला स्तरीय सतर्कता एवं अनुश्रवण समिति की बैठक में डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने ये बातें कहीं। इस दौरान एससी एवं एसटी पर अत्याचार से संबंधित दायर हुए मामलों की उन्होंने समीक्षा की। साथ ही आवश्यक निर्देश दिए।
आवेदन मिलते ही मामलों को संज्ञान में लाया जाए
डीएम ने जिला कल्याण पदाधिकारी विजय कुमार से विगत वर्षों में अब तक प्राप्त आवेदनों की विवरणी समिति के समक्ष प्रपत्र में उपलब्ध कराने को कहा। इसमें कितने मामले लंबित हैं, कितनों को भुगतान योग्य राशि दे दी गई आदि का भी उल्लेख रहेगा। साथ ही यह भी निर्देश दिया गया कि अनुसूचित जाति एवं जनजाति पर हुए अत्याचार से संबंधित आवेदन प्राप्त होते ही मामले को संज्ञान में लाया जाय। बैठक में डीएसपी (मुख्यालय), डीपीआरओ कमल ङ्क्षसह, सदस्य कपिलदेव राम, जयनंदन प्रसाद और रमाशंकर चौधरी आदि मौजूद थे।
60 अनुशंसित मामलों में छह त्रुटिपूर्ण
जिला कल्याण पदाधिकारी ने जानकारी दी कि अनुसूचित जाति अत्याचार राहत से संबंधित 60 मामलों में एसएसपी की अनुशंसा प्राप्त हुई है। इसमें से 54 मुआवजा की स्वीकृति के योग्य है। इसमें 31 लाख दो हजार पांच सौ रुपये व्यय होंगे। शेष छह पीडि़तों का मुआवजा प्रस्ताव त्रुटिपूर्ण है। इसके निराकरण के लिए संबंधित से पत्राचार किया गया है। जिलाधिकारी ने लंबित मामलों का शीघ्र निष्पादन करने को कहा। कल्याण पदाधिकारी ने बताया कि विगत बैठक में कुल 44 मामलों में राहत सहायता की स्वीकृति प्रदान की गई थी। इसमें कुल 40 वादियों को मुआवजा की राशि का भुगतान कर दिया गया है। शेष चारों वादियों से खाता संख्या प्राप्त किया जा रहा है। जिलाधिकारी ने इसका समय से निष्पादन का निर्देश दिया। जिला कल्याण पदाधिकारी ने यह भी बताया कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में विभाग द्वारा कुल 25 लाख रुपये का आवंटन प्राप्त हुआ है। विभाग से 63 लाख 20 हजार रुपये के अतिरिक्त आवंटन की मांग की गई है। हत्या संबंधित छह मामलों में पेंशन का भुगतान किया जा रहा है।