मुजफ्फरपुर में गश्त करती रही पुलिस, तीन दुकानों से लाखों की चोरी
कड़ाके की ठंड भरी रात में चोरों ने जमकर मचाया गया उत्पात शातिर चोरों ने पुलिस को चुनौती देते हुए रात्रि गश्ती की खोली पोल शहर के विभिन्न इलाकों में सोमवार की रात तीन दुकानों से लाखों की संपत्ति की चोरी कर ली गई।
मुजफ्फरपुर, जासं । पुलिस गश्ती को धत्ता बताते सोमवार की कड़ाके की ठंड भरी रात में शातिर चोरों द्वारा जमकर उत्पात मचाया गया। शहर के विभिन्न इलाकों में सोमवार की रात तीन दुकानों से लाखों की संपत्ति की चोरी कर ली गई। नगर थाना क्षेत्र के जेल चौक अमरुद बगान स्थित मोबाइल की एक दुकान को चोरों ने निशाना बनाया। दुकानदार मो. अनवर हुसैन ने बताया कि सोमवार की देर रात चोरों ने उनकी दुकान का ताला काटकर व शटर तोड़कर गल्ले में रखे 25 हजार रुपये नकद, एक लैपटॉप, ग्राहकों द्वारा मरम्मत के लिए दिए गए तीस मोबाइल सेट समेत अन्य सामान की चोरी कर ली।
इस संबंध में उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। वहीं मिठनपुरा थाना के समीप एक मार्केट कांपलेक्स स्थित हार्डवेयर की दुकान का ताला काटकर 22 हजार रुपये व अन्य सामान की चोरी कर ली गई। इस संबंध में पंकज मार्केट निवासी दुकानदार मो. सफा ने पुलिस में शिकायत की है। उन्होंने बताया कि सोमवार की बिक्री के 22 हजार रुपये दुकान में ही रखे थे, जिसे चोर ले गए। वहीं मिठनपुरा थाना क्षेत्र के मिस्कॉट लेन स्थित किराना की एक दुकान को भी चोरों ने निशाना बनाया। उस दुकान का शटर तोड़कर 15 हजार रुपये, पान मसाला समेत 50 हजार से अधिक के सामान की चोरी कर ली गई। इस संबंध में दुकान के मालिक रूपम कुमारी ने शिकायत की है। नगर व मिठनपुरा थाने की पुलिस का कहना है कि मामला दर्ज कर चोरों की गिरफ्तारी को लेकर छापेमारी की जा रही है।
गश्ती के नाम पर सिर्फ खानापूरी :
गश्ती के नाम पर सिर्फ खानापूरी की जाती है। अपराध नियंत्रण के लिए थाने के गश्ती के अलावा अश्व मोबाइल भी रात में पेट्रोलिंग करती है, लेकिन घटनाएं नहीं रुक रहीं हैं। एक रात में शहर में तीन-तीन दुकानों को निशाना बनाया जाता है, लेकिन पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लग पाती है। यह पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाता है।
औचक जांच करने नहीं निकलते अधिकारी :
सरकार का सख्त आदेश है कि रात में अधिकारी आवास से निकलकर गश्ती को चेक करें। लेकिन जिले में ऐसा नहीं हो रहा है। नतीजा गश्ती का कोई अता-पता नहीं रहता है। हालांकि थाने के रजिस्टर पर समय से गश्ती निकलने का कोतवाल दावा करते हैं, लेकिन कभी कोतवाल ने निकलकर अपने इलाके का जायजा लेना उचित नहीं समझते। जबकि पूर्व में रात्रि चेकिंग के लिए अधिकारी निकलते थे, लेकिन इन दिनों जिले में ऐसा नहीं हो रहा है।