मुजफ्फरपुर के नगर निकाय क्षेत्र में स्थायी अतिक्रमण पर लगेगा 20 हजार रुपये जुर्माना
स्थायी अतिक्रमण पर 20 और अस्थायी पर पांच हजार रुपये का लगाया जाएगा जुर्माना। आयुक्त व डीएम को सभी निकाय क्षेत्रों के भू-अभिलेख उपलब्ध कराने के निर्देश। इस संबंध में नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव आनंद किशोर ने निर्देश जारी किए हैं।
मुजफ्फरपुर, जासं। नगर निकाय क्षेत्रों में अतिक्रमण के खिलाफ अब विभाग के पदाधिकारी सीधे कार्रवाई करेंगे। इस संबंध में नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव आनंद किशोर ने निर्देश जारी किए हैं। इसमें कहा गया है कि इस वर्ष 31 मार्च को अधिसूचित किए गए बिहार नगरपालिका संशोधन अधिनियम के अनुसार नगर आयुक्त और कार्यपालक पदाधिकारी को अतिक्रमण हटाने एवं अतिक्रमणकारियों पर जुर्माना लगाने की शक्ति प्रदान की गई है। ऐसे में वे बिहार सरकार के प्राधिकृत पदाधिकारी के आदेश के बिना भी अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई कर सकेंगे। माना जा रहा है कि इस तरह के आदेश जारी होने के बाद अतिक्रमण की गति कम हो। हालांकि इसको लेकर निगम प्रशासन को भी लगतार सजग रहना होगा। यदि इसमें कहीं से भी चूक होती है तो इसका परिणाम बहुत बुरा होता है। बाद में परेशानी सामने आ जाती है।
सार्वनजिक मार्ग या सड़क, पगडंडी, ड्रेनेज, सिवरेज या पार्क पर स्थायी या अस्थार्यी संरचना से अवरोध पैदा करने वालों पर कार्रवाई की जा सकेगी। प्रधान सचिव ने सभी प्रमंडलीय आयुक्त एवं जिलाधिकारी को निकाय क्षेत्रों के भू-अभिलेख नगर आयुक्त और कार्यपालक पदाधिकारी को उपलब्ध कराने को कहा है। इसके लिए नगर निकाय की ओर से खर्च वहन किया जाएगा।
जारी निर्देश के अनुसार किसी भी तरह के अतिक्रमण को हटाने से 15 दिन पूर्व नोटिस दिया जाएगा। नोटिस का संतोषजनक जवाब नहीं दिए जाने पर सथायी अतिक्रमण की स्थिति में 20 हजार का जुर्माना लगाया जाएगा। अस्थायी अतिक्रमण की स्थिति में जुर्माना पांच हजार रुपये तक होगा। अस्थायी अतिक्रमण को निकाय के सक्षम पदाधिकारी 24 घंटे में भी हटा सकेंगे।
बंदियों की मदद को केंद्रीय कारा में बनी हेल्प डेस्क
मुजफ्फरपुर : अमर शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय कारा में बंद 2500 बंदियों की मदद के लिए हेल्प डेस्क की स्थापना की गई है। मुख्यालय के निर्देश पर जेल प्रशासन की ओर से यह सुविधा शुरू की गई है। बताया गया कि हेल्प डेस्क की एक टीम जेल के अंदर मेन सेंटर पर होगी। वहां बंदी अपनी समस्या, विधिक सेवा प्राधिकार से संबंधित जानकारी, अधिवक्ता मुहैया कराने आदि की जानकारी प्राप्त करेंगे। वहीं हेल्प डेस्क की दूसरी टीम जेल के मेन गेट पर तैनात होगी। यहां पर बंदी के स्वजन ई-मुलाकात समेत अन्य प्रकार की जानकारी प्राप्त करेंगे। बताया गया कि जेल आइजी के निर्देश पर यह सुविधा शुरू की गई है ताकि बंदियों को किसी तरह की समस्या पर जानकारी के लिए कोई असुविधा न हो।
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