Muzaffarpur Covid Vaccination: जिले के 18 केंद्रों पर कल से तीसरे फेज का टीकाकरण
Muzaffarpur Covid Vaccination 16 प्रखंडों के सीएचसी केंद्र के साथ सदर अस्पताल व एसकेएमसीएच में लगाया जाएगा कोरोना का टीका। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ.अजय कुमार पांडे ने बताया कि केंद्रों पर निशुल्क टीकाकरण होगा। निजी नर्सिंग होम में 15 दिनों के बाद टीकाकरण किया जाएगा।
मुजफ्फरपुर, जासं। तीसरे फेज में कोरोना टीकाकरण पहली मार्च से जिले के 18 केंद्रों पर होगा। इसमें 16 प्रखंडों के सीएचसी केंद्र, सदर अस्पताल व एसकेएमसीएच शामिल हैैं। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ.अजय कुमार पांडे ने बताया कि केंद्रों पर निशुल्क टीकाकरण होगा। निजी नर्सिंग होम में 15 दिनों के बाद टीकाकरण किया जाएगा। उन्होंने बताया कि शनिवार शाम तक स्वास्थ्य मुख्यालय की ओर से निजी अस्पतालों को लेकर दिशा-निर्देश नहीं आए हैं कि कितने रुपये वहां लगेंगे।
चार लोग कर सकते एक मोबाइल नबंर का प्रयोग
स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी गाइडलाइन के अनुसार चार लोग अपने डाटा में एक मोबाइल नंबर का इस्तेमाल कर सकते हैैं। सभी लोगों का रजिस्ट्रेशन नंबर अलग-अलग होगा। यह फैसला विभाग ने इसलिए लिया है क्योकि ग्रामीण इलाकों में 60 वर्ष से अधिक के बुजुर्ग कम संख्या में मोबाइल का इस्तेमाल करते हैं। ऐसी स्थिति में सभी लोगों के पास अलग-अलग नंबर होना संभव नहीं है। स्वास्थ्य विभाग ने इसको लेकर दिशानिर्देश इसलिए जारी किए हंै, क्योकि पहले फेज में स्वास्थ्य कर्मी व दूसरे में फ्रंटलाइन वर्करों में एक से अधिक लोगों में एक ही नंबर होने पर टीकाकरण में फर्जीवाड़ा की बात सामने आई थी।
मुख्यालय को देनी होगी एईएस के भर्ती मरीजों की सूचना
मुजफ्फरपुर : इस वर्ष जिले में एईएस से पीडि़त होकर जो भी बच्चा भर्ती होगा उनकी सूचना मुख्यालय को देनी है। प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने एईएस प्रभावित 12 जिलों के सिविल सर्जन को निर्देश दिए हैं कि हर सीएचसी व पीएचसी में प्रारंभिक इलाज के लिए अगर बच्चे भर्ती होते हैं तो उन्हें सबसे पहले कंट्रोल रूम को सूचना देनी होगी। कंट्रोल रूम से पूरी डिटेल एकत्र करने के बाद पटना स्थित स्वास्थ्य मुख्यालय को सूचना देनी होगी। इसके बाद स्वास्थ्य मुख्यालय एसकेएमसीएच के पीकू वार्ड अध्यक्ष से उन बच्चों की मॉनीटरिंग करने को कहेगा। अगर सीएचसी व पीएचसी में प्रारंभिक इलाज में बच्चे की स्थिति सुधरती है तो उसे वहां रखा जाएगा। वहीं, सुधार नहीं होने पर उसे तुरंत एसकेएमसीएच में भर्ती कराया जाएगा। शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ.गोपाल शंकर सहनी ने कहा कि एईएस से पीडि़त बच्चे का प्रोटोकॉल के तहत प्रारंभिक इलाज किया जाए तो उसमें बीमारी बढऩे का खतरा नहीं होता है। धीरे-धीरे उसकी हालत में सुधार होता है और स्वस्थ हो जाता हैं। उन्होंने कहा कि एईएस बच्चों में सबसे पहले शुगर की कमी होने लगती है, जिससे उसकी हालत नाजुक हो जाती है।
उपकरणों की होगी खरीद
मुजफ्फरपुर : सदर अस्पताल के अर्ली इंटरवेंशन सेंटर में 18 साल तक के बच्चों के इलाज के लिए 170 प्रकार के उपकरण व सामान खरीदे जाएंगे। बच्चे की आंख, दांत, कान, पैर समेत अन्य बीमारियों की जांच व इलाज के लिए उपकरणों की खरीद और बंद योजना शुरू कराने को लेकर शनिवार को स्टेट को-ऑर्डिनेटर डॉ.अरङ्क्षवद कुमार ने जायजा लिया। उन्होंने सिविल सर्जन डॉ.हरेंद्र आलोक व अन्य चिकित्सकों के साथ डीएचएस में बैठक कर अबतक की स्थिति की समीक्षा की। सिविल सर्जन से जानना चाहा कि किस परिस्थिति में अबतक इस सेंटर में इलाज के लिए उपकरणों की खरीद नहीं हुई। उन्होंने सीएस से शीघ्र स्कूलों में बच्चों की जांच शुरू कराने को कहा।