मुजफ्फरपुर सिविल सर्जन ने माना, पीएचसी में चल रहा कमीशन का खेल
Muzaffarpur News जिले के 13 पीएचसी प्रभारी और 13 स्थापना लिपिक कार्रवाई की जद में। आशा के मानदेय का भुगतान नहीं होने पर कड़ा फैसला हो सकता सामूहिक तबादला। सीएस ने यह स्वीकार करते हुए दुख जताया कि पीएचसी में इस तरह से कमीशन का खेल चल रहा है।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। जिले के स्वास्थ्य विभाग में कमीशन का खेल परवान पर है। पिछले दिनों बोचहां में समय से पहले एक एएनएम को सेवानिवृत्त कराने का मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ था कि आशा के मानदेय का भुगतान समय पर नहीं करने की बात सामने आ गई। इस मामले में जिले के 13 पीएचसी प्रभारी व 13 लिपिक कार्रवाई की जद में आ गए हैं। काम करने के बाद मानदेय भुगतान के लिए आशा कार्यालय का चक्कर लगा रहीं। सबसे दिलचस्प बात यह है कि जिला से प्रखंड मुख्यालय तक में राशि भेजने के बाद भी भुगतान नहीं हो रहा है।
शिकायत के बाद सिविल सर्जन डॉ. एसपी सिंह ने सभी पीएचसी को अल्टीमेटम दिया है। उन्होंने इस प्रकरण को दुखद बताते हुए दो दिनों में पीएचसी प्रभारी से जवाब के साथ संबंधित स्थापना लिपिक के संबंध में रिपोर्ट मांगी है। सीएस ने यह स्वीकार करते हुए दुख जताया कि पीएचसी में इस तरह से कमीशन का खेल चल रहा है। उन्होंने कहा यह आपत्तिजनक है कि मुख्यधारा में काम करने वाली इकाई को समय पर मानदेय नहीं मिल रहा है।
इन प्रखंडों में फंसा भुगतान
सिविल सर्जन कार्यालय के मुताबिक मोतीपुर, मुरौल व मुशहरी में भुगतान की स्थिति बेहतर है। इनको छोड़कर सभी जगह के पीएचसी प्रभारी से जवाब मांगा गया है। जिन जगहों पर भुगतान नहीं हो रहा उनमें मीनापुर, औराई, कटरा, गायघाट, बोचहां, कांटी, साहेबगंज, कुढऩी, सरैया, बंदरा, सकरा, पारू व मड़वन शामिल हैं। यहां पर भुगतान लंबित चल रहा है।
सिविल सर्जन का कड़ा रुख
सिविल सर्जन ने पीएचसी प्रभारी को जो पत्र भेजा है उसमें कहा गया कि 13 पीएचसी में भुुगतान नहीं हो रहा। यह सब आपलोगों के स्तर से लंबित रखा गया है। भुगतान के लिए अनुचित राशि की मांग की जा रही है। इससे भुगतान नहीं हो रहा है। यह अति ङ्क्षनदनीय व खेदजनक है। पत्र में चेतावनी दी गई कि अगर शीघ्र भुगतान नहीं हुआ तो पीएचसी प्रभारी व वहां के स्थापना लिपिक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
इस बारे में सिविल सर्जन डॉ. एसपी सिंह ने कहा कि आशा के भुगतान के लिए हर मासिक बैठक में मार्गदर्शन दिया जाता है। उसका पालन नहीं होना ङ्क्षचताजनक है। भुगतान के लिए अनुचित राशि की मांग का मामला सामने आ रहा है। इसलिए सख्ती की गई है। अगर एक सप्ताह के अंदर निदान नहीं हुआ तो सामूहिक रूप से कार्रवाई शुरू होगी।