जहरीली शराब से मौत दर मौत के बाद भी मुजफ्फरपुर प्रशासन ने नहीं लिया सबक
सरैया में जहरीली शराब पीने से छह की मौत के 13 दिनों बाद कांटी में हुई दूसरी घटना। मौत पर अधिकारियों की टूटती नींद मगर कागज पर ही सिमट कर रहा जाती कार्रवाई। पूर्व से सजग रहती पुलिस व उत्पाद की टीम तो नहीं होती अप्रिय घटना।
मुजफ्फरपुर, [संजीव कुमार]। जहरीली शराब पीने से जिले में लगातार मौत की घटनाएं हो रहीं हैं, मगर प्रशासनिक व पुलिस महकमा चैन की नींद में है। नतीजा मात्र 13 दिन पहले जहां सरैया थाना क्षेत्र में जहरीली शराब की जद में छह लोगों की मौत हो गई। बावजूद प्रशासन ने सबक नहीं लिया। रोकथाम को जागरूकता अभियान शुरू किया गया, मगर धरातल पर इसका असर नहीं दिखा। नतीजा मंगलवार को फिर कांटी थाना क्षेत्र में जहरीली शराब से पांच लोगों की मौत की घटना ने जिले को फिर से सुर्खियों में ला दिया है। इसके पूर्व भी जिले के कटरा व मनियारी में इसी साल जहरीली शराब से 10 लोगों की मौत हो चुकी है। इन सभी घटनाओं के बाद भी पुलिस व प्रशासन ने धंधेबाजों पर नकेल नहीं कसा। नतीजा जब कांटी में जहरीली शराब से मौत की घटना हुई तो पूरे गांव में अफरातफरी मच गई। तब पुलिस से लेकर प्रशासन के अधिकारियों की नींद टूटी।
खुफिया तंत्र पूरी तरह से फेल
पुलिस व प्रशासन की खुफिया तंत्र पूरी तरह से फेल हो चुका है। कांटी में अगर जहरीली शराब की बिक्री हुई तो विभागीय अधिकारियों को जानकारी क्यों नहीं मिली। जबकि सरकार की तरफ से हर दिन वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए डीएम व एसएसपी को निर्देश दिए जा रहे। वीसी में दिए गए निर्देश का धरातल पर कितना असर हो रहा, यह तो सामने आ रही घटनाएं से ही स्पष्ट हो रहा। हालांकि अधिकारियों की तरफ से हर दिन दावा किया जा रहा कि शराब के विरुद्ध विशेष अभियान चलाया जा रहा है। धंधेबाज पकड़े जा रहे हैं। ठिकाने को ध्वस्त किया जा रहा। सवाल उठता है कि कांटी में भी तो अभियान चला था। तब वहां पर फिर जहरीली शराब पीने से मौत की घटनाएं कैसे हो गई। इसका जवाब अधिकारियों के पास नहीं है।
मौत के बाद चलती छापेमारी, फिर हो जाती बंद
27 अक्टूबर की रात सरैया में शराब पार्टी का आयोजन हुआ। स्थानीय पुलिस को भनक तक नहीं लगी। जब मामला बिगड़ा और जहरीली शराब की जद में छह लोगों की मौत हुई, तब पुलिस-प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मच गया। घटना के बाद पुलिस व प्रशासन के अधिकारी अपनी-अपनी कुर्सी बचाने में लग गए। आनन-फानन में थानाध्यक्ष पर कार्रवाई की गई। ताबड़तोड़ कई जगहों पर छापेमारी की गई। मगर, चार दिन बाद सभी बंद हो गए।
उत्पाद विभाग पर किसी की नजर नहीं
शराब की बिक्री रोकने की विशेष जिम्मेवारी उत्पाद विभाग को सौंपी गई है। मगर, उत्पाद विभाग पर किसी की नजर नहीं पड़ी। उत्पाद विभाग द्वारा हर दिन कार्रवाई का दावा किया जाता। हालांकि, कभी इसकी समीक्षा नहीं हुई। इसपर वरीय अधिकारियों का ध्यान नहीं है। बता दें कि पुलिस के समक्ष तो कई तरह के कार्य है। बावजूद उत्पाद विभाग की तुलना में अधिक बरामदगी व गिरफ्तारी की गई है। इससे प्रतीत होता है कि उत्पाद विभाग के अधिकारी शराब की अवैध बिक्री रोकने में पूरी तरह से विफल हैं। वे अपनी जिम्मेवारी से बचने की कोशिश में लगे रहते हैं।
कटरा, मनियारी, सरैया के बाद अब कांटी
जिले में जहरीली शराब से यह पहली घटना नहीं है। इसके पूर्व भी जहरीली शराब की जद में कटरा व मनियारी में कई लोगों की जान जा चुकी है। बावजूद पुलिस व प्रशासन की तरफ से अब तक धंधेबाजों पर नकेल नहीं कसा जा सका। धड़ल्ले से हर दिन शराब की खेप जिले में पहुंच रही है। शहर से लेकर ग्रामीण इलाके में मिलावटी शराब का धंधा पनपते जा रहा है। कई इलाकों में मिलावटी शराब का धंधा जोरों पर चल रहा है। इन सभी के बीच सवाल उठता है कि जब उत्पाद व पुलिस विभाग की तरफ से हर दिन कार्रवाई का दावा किया जाता है। तब फिर सरैया व कांटी में जहरीली शराब कहां से पहुंची। नतीजा अप्रिय घटना से लोगों की जान जा रही है।