नगर निगम के पार्षदों ने महापौर के खिलाफ खोला मोर्चा, इस्तीफा नहीं देने पर आंदोलन की चेतावनी
Muzaffarpur Nagar Nigam आॅटो टिपर घोटाला से हुई निगम की बदनामी सरकार से कड़ा कदम उठाने की मांग।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। करोड़ों रुपये के आटो टिपर खरीद घोटाला में फंसे महापौर सुरेश कुमार पर मुकदमा चलाने की अनुमति मिलने के बाद एक दर्जन वार्ड पार्षदों ने उनसे नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देने की मांग की है। बुधवार को पुरानी बाजार स्थित एक विवाह भवन में बैठक कर पार्षदों ने कहा कि घोटाला में महापौर की संलिप्तता से नगर निगम की बदनामी हुई है।
शहर का विकास नहीं हो पा रहा
आरोपित महापौर के साथ काम करना उनके लिए मुश्किल हो रहा है। महापौर की हरकत से शहर का विकास नहीं पाया। उनके नेतृत्व में नगर निगम एक कदम आगे नहीं बढ़ पाया है। जबकि नगर विकास एवं आवास मंत्री शहर के विकास के लिए लगातार प्रयासरत हैं। उनके द्वारा लाए गए विकास योजनाओं की राह में महापौर अड़ंगा लगाते रहते हैं जिससे योजनाओं का लाभ शहरवासियों तक नहीं पहुंच पा रहा है।
अधिकारी निगम का काम नहीं कर पा रहे
नगर आयुक्त द्वारा उठाए गए हर कदम में अड़ंगा लगाते हैं जिससे कोई भी अधिकारी निगम का काम ठीक से नहीं कर पाता। बैठक में वार्ड 23 के पार्षद राकेश कुमार सिन्हा उर्फ पप्पू, वार्ड 24 की पार्षद शोभा देवी, वार्ड 20 के पार्षद संजय कुमार केजरीवाल, वार्ड 44 के पार्षद शेरु अहमद, वार्ड 39 की पार्षद मंजू देवी, वार्ड 49 की पार्षद नीलम गुप्ता, वार्ड 41 की पार्षद सीमा झा, वार्ड 15 की पार्षद अंजू कुमारी, वार्ड 38 की पार्षद शबाना परवीन, वार्ड 6 की पार्षद शशि देवी, पूर्व पार्षद विजय झा, पूर्व पार्षद इकबाल कुरैशी, पूर्व पार्षद त्रिभुवन राय आदि ने भाग लिया।
गिरफ्तारी की मांग
बैठक में पार्षदों ने प्रस्ताव पारित कर सरकार से घोटाला के आरोपी महापौर को पद से हटाने एवं निगरानी विभाग से उनकी गिरफ्तारी की मांग की है। पार्षदों ने चेतावनी दी है कि यदि महापौर इस्तीफा नहीं देते एवं सरकार घोटाले में संलिप्त महापौर समेत सभी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं करती तो वे आंदोलन करने को बाध्य होंगे।