Mridula Sinha death anniversary: गोवा की पूर्व राज्यपाल को पसंद था बिहारी फास्ट फूड
मुंबई के अधिवेशन में जब चूड़ा दही व सत्तू को बता दिया बिहारी फास्ट फूड तो सभी के चेहरे खिल उठे। उसके बाद पूरे हाल में जबरदस्त तालियों की आवाज गूंजी और सभी हंसने लगे। बिहार के बाहर के कोई नेता उनसे मिलने आते तो बिहारी फास्ट फूड मांगते।
मुजफ्फरपुर, [अमरेंद्र तिवारी]। गोवा की पूर्व राज्यपाल पदमश्री डा.मृदुला सिन्हा की बचपन से लेकर राज्यपाल बनने तक की कई यादों का गवाह मुजफ्फरपुर रहा है। यहां उनका बचपन बीता और जब तक जीवित रहीं इस माटी की चिंता की। उनकी सहयोगी रहीं भाजपा की वरीय नेता प्रो.तारण राय कहती हैं कि देश में कहीं भी सभा हो वह अपनी माटी की चर्चा करने से नहीं चूकती थीं। 2001 की बात है। मुंबई में भाजपा महिला मोर्चा का राष्ट्रीय प्रशिक्षण वर्ग चल रहा था। उसमें महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री गोपीनाथ मुंडे समेत देश के तमाम महत्वपूर्ण लोग शामिल थे। वहां पर कई तरह के व्यंजनों की व्यवस्था थी। उन्होंने अपने संबोधन में कहा था कि सबसे बेहतर बिहारी फास्ट फूड चूड़ा, दही और सत्तू। इससे न सेहत खराब होगी और न स्वाद। उसके बाद पूरे हाल में जबरदस्त तालियों की आवाज गूंजी और सभी हंसने लगे। उनके भाषण के बाद यह हाल हुआ कि बिहार के बाहर के कोई नेता उनसे दिल्ली में मिलने आते तो बिहारी फास्ट फूड मांगते और उसका सेवन करते। वह खुद अपने घर पर या राजभवन या फिर देश के दौरे पर रहतीं तो सुबह में चूड़ा व दही का सेवन जरूर करती थीं। एक बार लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र से संबंध रखने वाली केंद्रीय मंत्री जयंती बेन मेहता यहां आईं तो फास्ट फूड की चर्चा की। उसका सेवन किया और डगरा, चूड़ा-दही यहां से सौगात लेकर गईं।
भाजपा में लाने में रहा योगदान
पूर्व नगर विकास एवं आवास मंत्री सुरेश कुमार शर्मा ने कहा कि भाजपा में लाने में वरिष्ठ नेता कैलाशपति मिश्र के साथ डा.मृदुला सिन्हा का योगदान है। वह भुला नहीं सकते। डा.सिन्हा ने यह कहकर प्रेरित किया था कि आपकी माता विद्यावती शर्मा जनसंघ से चुनाव लड़ी हैं इसलिए आप भाजपा की सेवा करें। राज्यपाल बनने पर यहां पर नौ लोगों को नवरत्न बनाया उसका उन्हें संयोजक बनाया। गोवा राजभवन में सबको बुलाकर सेवा-सत्कार व अभिनंदन किया। अब तो उनकी यादें ही शेष हैैं।
राज्यपाल हूं बाकी मेरा सांसद अजय
सांसद अजय निषाद उनकी बात को याद करते हुए भावुक हो जाते हैं। कहते हंै कि मुजफ्फरपुर हो या दिल्ली, वह जहां मिलतीं एक माता की तरह प्यार व मागदर्शन देती थीं। नेताओं के बीच यह कहती थीं कि मैं गोवा की राज्यपाल हूं बाकी मेरा सांसद अजय निषाद है। क्षेत्र के विकास को लेकर बातचीत व सलाह देती रहती थीं।
डा मृदुला सिन्हा के यह नवरत्न
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जब डा.मृदुला सिन्हा को अपने स्वच्छता का नवरत्न बनाया तो वह अपने शहर के नौ लोगों की एक नवरत्न वाली टीम बनाई। उसमें पूर्व मंत्री सुरेश शर्मा, डा. बीरेन्द्र किशोर, डा.तारण राय, बाबा गरीब स्थान मंदिर के प्रधान पुजारी पंडित विनय पाठक, अधिवक्ता अजय नरायण सिन्हा, सरदार योगेन्द्र सिंह गंभीर, डा.शालनी कुमारी, डा.सिगबतुल्लाह हमीदी, दीपक पोद्धार शामिल है। सबको साथ लेकर लगातार यहां पर स्वच्छता अभियान चलाया। स्वच्छता रैली, खुद सड़कों की सफाई भी की जो यादगार है।
डा.मृदुला का जीवन परिचय
डा.मृदुला सिन्हा का जन्म अनुपा देवी व बाबू छबीले के यहां 27 नवंबर 1942 को जिले के छपरा गांव में हुआ था। मनोविज्ञान में एमए करने के बाद उन्होंने बीएड किया। साहित्य के साथ-साथ राजनीति की सेवा शुरू कर दी। उनकी शादी औराई के मटियानी में डा.रामकृपाल सिन्हा के साथ हुई थी। शहर में भी उनका गन्नीपुर में आवास है। वह गोवा की राज्यपाल रहीं। इससे पहले प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में केंद्रीय समाज कल्याण बोर्ड की अध्यक्ष रहीं।
साहित्यिक योगदान
राजपथ से लोकपथ पर (जीवनी), नई देवयानी (उपन्यास), ज्यों मेंहदी को रंग (उपन्यास), घरवास (उपन्यास), यायावरी आंखों से (लेखों का संग्रह), देखन में छोटे लगें (कहानी संग्रह), सीता पुनि बोलीं (उपन्यास), बिहार की लोककथाएं-एक (कहानी संग्रह), बिहार की लोककथाएं-दो (कहानी संग्रह), ढाई बीघा जमीन (कहानी संग्रह), मात्र देह नहीं है औरत (स्त्री-विमर्श), विकास का विश्वास (लेखों का संग्रह), साक्षात्कार (कहानी संग्रह) अहिल्या उपन्यास प्रमुख हैं। वह पांचवां स्तंभ पत्रिका की संपादक भी रहीं।