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Muzaffarpur News: खतरे की जद में सदर अस्पताल में इलाज कराने वाली माताएं व बच्चे

Muzaffarpur Sadar Hospital बिना अग्निशमन विभाग से एनओसी लिए सदर अस्पताल परिसर में मातृ शिशु सदन का संचालन हो रहा है। इसके कारण वहां पर इलाज कराने वाली माताओं व बच्चों के उपर खतरा मंडरा रहा है।बिना अगनिशमन नियम का पालन किए ही अस्पताल का संचालन किया जा रहा है।

By Murari KumarEdited By: Published: Wed, 03 Mar 2021 01:47 PM (IST)Updated: Wed, 03 Mar 2021 01:47 PM (IST)
Muzaffarpur News: खतरे की जद में सदर अस्पताल में इलाज कराने वाली माताएं व बच्चे
मुजफ्फरपुर सदर अस्पताल गेट की फाइल फोटो।

मुजफ्फरपुर, जागरण संवाददाता। बिना अग्निशमन विभाग से एनओसी लिए सदर अस्पताल परिसर में मातृ शिशु सदन का संचालन हो रहा है। इसके कारण वहां पर इलाज कराने वाली माताओं व बच्चों के उपर खतरा मंडरा रहा है। बिना अगनिशमन नियम का पालन किए ही अस्पताल का संचालन किया जा रहा है। विभाग के अधिकारी इस बात से हैरान थे कि पिछले दिनों परिसर में शार्ट सर्किट से आग लगी। उसके बावजूद सर्तकता नहीं बरती जा रही है। इस लापरवाही को गंभीरता से लेते हुए  अग्निशमन विभाग ने एनओसी से इंकार कर दिया है। सदर अस्पताल पहुंचे जिला अग्निशमन पदाधिकारी संतोष कुमार पाण्डेय ने जब पूरे परिसर की विभाग की ओर से ऑडिट किया तो वह हैरान हुंए। 

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 आग से बचाव को लेकर कोई मानक का का पालन वहां पर नहीं हो रहा था। जांच में यह बात सामने आई कि नवनिर्मित मातृ-शिशु सदन संचालन बगैर एनओसी का हो रहा है। अस्पताल के अग्निमश्मन उपकरण को ऑडिट करने के दौरान यह बात सामने आई कि कई उपकरण बेकार है। वहां की हालत देखने के बाद विभगीय क्लीयरेंस देने से इंकार कर दिया है। कमी को दूर करने के लिए 15 दिनों का समय दिया। सदर अस्पताल में लगे इलेक्ट्रॉनिक पंप और डीजल पंप में बिना किसी भी प्रकार के कनेक्शन किया गया था जो कि बेहद ही गंभीर और किसी बड़ी दुर्घटना को न्योता देने वाला था।

 मालूम हो कि पिछले दिनों सदर अस्पताल परिसर के यूनिसेफ ऑफिस में लगी आग के बाद भी अग्निशमन को लेकर विभाग सजग नही है। टीम ने चेतावनी दिया कि अगर 15 दिन में ऑडिट रिपोर्ट का पालन नहीं हुआ तो उसके बाद सख्त एक्शन होगा। जिला अग्निशमन पदाधिकारी ने इसकी जानकारी वरीय अधिकारियों को दी है। इधर प्रभारी सिविल सर्जन डा.हरेन्द्र आलोक ने कहा कि अस्पताल प्रबंधक को पूर्व में भी अग्निशमन ऑडिट के पालन के लिए निर्देश दिया गया है। वह खुद इसकी समीक्षा करेंगे। परिसर को सुरक्षित रखने के लिए अग्निशमन नियम का हर हाल में पालन होना चाहिए।

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