22 को शुरू हो जाएगा सौ बेड का मातृ-शिशु सदन
सदर अस्पताल परिसर भ्रमण में अचानक अंधेरा देख डीएम आलोक रंजन घोष बोले अरे सीएस साहब यहां तो अंधेरा कायम रहे. वाला हाल है भाई..। यह कौन सा कार्यालय है.।
मुजफ्फरपुर। सदर अस्पताल परिसर भ्रमण में अचानक अंधेरा देख डीएम आलोक रंजन घोष बोले अरे सीएस साहब यहां तो अंधेरा कायम रहे. वाला हाल है भाई..। यह कौन सा कार्यालय है.। जवाब मिला जिला मलेरिया कार्यालय और इधर सामने जिला स्वास्थ्य समिति कार्यालय है..। इस पर कुछ लिखा भी नहीं गया है। कहां है डीपीएम साहब इतना बुरा हाल जल्दी रंगरोगन कराते हुए कार्यालय का नाम लिखवा लें.। पूरे जिले को आप धन देते और आप खुद अपने पर ध्यान नहीं दे रहे..। परिसर में जगह-जगह खुला नाला देखकर नाराजगी जताते हुए अविलंब उसको बंद कराने तथा पुराने जर्जर भवन को तोड़ने का आदेश दिया। इसके साथ निर्माणाधीन 100 बेड के मातृ-शिशु सदन के केयर टेकर मुरारी से बात की तो कहा कि 21 तारीख को भवन तैयार होकर मिल जाएगा। उसके बाद जिलाधिकारी ने 22 तारीख को शुभारंभ करने पर सहमति दी।
निरीक्षण में यह रहे शामिल
सिविल सर्जन डॉ.एसपी सिंह, एसीएमओ डॉ.विनय कुमार शर्मा, जिला वेक्टर जनित रोग पदाधिकारी डॉ.सतीश कुमार, प्रभारी अधीक्षक डॉ.शिवशंकर सिंह, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ.आरपी सिंह, मेडीसीन विशेषज्ञ डॉ.सीके दास, जिला प्रबंधक बीपी वर्मा, जिला लेखा प्रबंधक अफरोज हैदर, प्रवीण कुमार, विपिन पाठक आदि निरीक्षण में शामिल रहे।
एईएस वार्ड में मिली सब दवा
सोमवार की देर शाम सदर अस्पताल के निरीक्षण को पहुंचे जिलाधिकारी आलोक रंजन घोष ने एईएस वार्ड का निरीक्षण करते हुए खुद रक्त देकर वहां रखे ग्लूकोमीटर की जांच की। इससे पहले डॉ.सतीश कुमार ने अपने रक्त की जांच कराई। नाला में गिरने से बचे एसीएमओ
एईएस वार्ड के बाहर नाला को ढकने के लिए टीन रखा हुआ था। अचानक एसीएमओ उस पर पैर रखे तो पांव फिसल गया किसी तरह वह नाले में जाने से बचे। इस पर नाराज हुए।
यह दिया आदेश
- परिसर के सारे नाले को ढक दिया जाए तथा जर्जर भवन तोड़ा जाए
-परिसर के मुख्य गेट पर पूछताछ काउंटर तथा ड्राप गेट का हो निर्माण
-हर वार्ड में बीमारी से संबंधित जानकारी वाला पोस्टर लगाया जाए