बेटी की मौत से सदमे में मां, आठ माह बाद भी मुआवजे की आस
पिछले साल जून में भीषण गर्मी में एईएस से कांटी सहबाजपुर की तीन वर्षीया सबीना की मौत हो गई थी। एसकेएमसीएच से मृत्यु प्रमाण-पत्र स्वजन को मिला। लेकिन मृत्यु के आठ महीने बाद भी स्वजन को सरकार की तरफ से मिलने वाले चार लाख रुपये अब तक नहीं मिल सके हैं।
मुजफ्फरपुर। पिछले साल जून में भीषण गर्मी में एईएस से कांटी सहबाजपुर की तीन वर्षीया सबीना की मौत हो गई थी। एसकेएमसीएच से मृत्यु प्रमाण-पत्र स्वजन को मिला। लेकिन, मृत्यु के आठ महीने बाद भी स्वजन को सरकार की तरफ से मिलने वाले चार लाख रुपये अब तक नहीं मिल सके हैं। सबीना के पिता मकसूद आलम कहते है कि एक तरफ बेटी की मौत से पूरा परिवार सदमे में है। वहीं, घटना के बाद से उनकी पत्नी सहीदा खातून की हालत भी दिन-प्रतिदिन बिगड़ती जा रही है। दूसरी तरफ प्रशासनिक शिथिलता से मुआवजा राशि के लिए प्रखंड कार्यालय से लेकर जिला मुख्यालय तक का चक्कर लगाकर वे थक गए हैं। उन्हें सभी जगह निराशा ही हाथ लगी। सबीना की मां सहीदा बताती हैं कि 10 जून 2019 को बेटी की तबीयत खराब होने के बाद उसे कांटी पीएचसी लेकर गईं। वहां से एसकेएमसीएच रेफर किया गया। वहां इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया। नए डीएम से इंसाफ की उम्मीद : मकसूद ने कहा कि सुने हैं कि नए जिलाधिकारी आए हैं। अब तो नए जिलाधिकारी से ही इंसाफ की उम्मीद है। उनके पास आवेदन देकर एक बार फरियाद लगाएंगे। क्योंकि, बेटी की मौत के बाद आठ महीने के अंदर न जाने कितनी बार किन-किन दफ्तरों का चक्कर लगाया। यह तो उन्हें याद भी नहीं है। फरियाद करने के बाद भी उनके परिवार की कोई सुध लेने नहीं आया।
शाहपुर पंचायत के मुखिया प्रेम राम कहते हैं कि पीड़ित परिवार को अब तक मुआवजा राशि नहीं मिली है। कई बार बीडीओ से बोला गया। शिकायत के बाद डीएम ने कांटी बीडीओ को मुआवजा राशि देने का निर्देश भी दिया। लेकिन, अब तक पीड़ित परिवार को राशि नहीं मिली है।
कांटी प्रखंड के बीडीओ उमा भारती कहते हैं कि एईएस से मौत मामले में मेडिकल से जिला को रिपोर्ट जाती है। इसके बाद प्रखंड में चेक आने पर पीड़ित परिवार को दिया जाता है। उनके पास अब तक चेक नहीं आया है। इसलिए स्वजन को नहीं दिया गया है।