तिहरे हत्याकांड में सास-ससुर, पति और भाई दोषी, 20 दिसंबर को सभी को कोर्ट सुनाएगी सजा Muzaffarpur News
सभी दोषी पूर्वी चंपारण के पिपरा थाना के महरानी गांव के रहने वाले। राजीव पहले से ही जेल में बंद है। तीन अन्य दोषियों को कोर्ट ने जेल भेज दिया।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। शीला देवी व उसके पुत्र उत्सव व पुत्री प्राची की हत्या कर शव को अलग-अलग स्थानों पर फेंकने के मामले में चार को दोषी करार दिया गया है। इसमें पूर्वी चंपारण जिला के पिपरा थाना के महरानी गांव के शीला की सास माधुरी देवी, उसके ससुर दुर्योधन सिंह, पति राजीव कुमार सिंह व पति का भाई संजीव कुमार सिंह शामिल है।
20 दिसंबर को सभी को सजा सुनाई जाएगी। इसमें राजीव पहले से ही जेल में बंद है। तीन अन्य दोषियों को कोर्ट ने सोमवार को जेल भेज दिया है। मामले का सत्र विचारण के बाद अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश-षष्टम राधेश्याम शुक्ल ने चारों को दोषी करार दिया। जबकि इस मामले के दो आरोपितों राजेश्वर सिंह व सुनील ठाकुर को बरी कर दिया है।
मोतीपुर में मिला था बच्ची की बोरे में शव
दस फरवरी 2017 को मोतीपुर के सेंदुआरी गांव के पुल के नीचे बोरे में बंद प्राची का शव मिला था। रस्सी से उसकी गला दबाकर हत्या की गई थी। तब उसकी पहचान नहीं हो पाई थी। चौकीदार महेंद्र राम के बयान पर अज्ञात के विरुद्ध केस दर्ज की गई थी।
शीला के पिता केशव ठाकुर को एक ग्रामीण से सूचना मिली थी कि उसकी पुत्री 50 हजार रुपये व गहना लेकर ससुराल से दोनों बच्चों के साथ भाग निकली है। मोतीपुर में बच्ची के शव मिलने की सूचना पर जब वे वहां पहुंचे तो उन्हें एसकेएमसीएच भेजा गया। जहां उन्होंने अपनी पुत्री व नतनी के शव की पहचान की। उन्होंने दहेज में दो लाख रुपये व बाइक की मांग को हत्या का कारण बताया था।