पर्यटकों के लिए ओपेन होगा सरैयामन, बोटिंग का उठाएंगे आनंद
वन विभाग ने ईको टूरिज्म के विकास के लिए बनाई कार्ययोजना, मोटर वोट पर सवार होकर सरैयामन का सैर करेंगे पर्यटक।
बेतिया, [शशि कुमार मिश्र]। सूबे का पहला घोषित वनाश्रयी उदयपुर के मध्य में अवस्थित सरैयामन अब शीघ्र पर्यटकों के लिए खोल दिया जाएगा। यहां पर्यटक एक ओर जहां सरैयामन में बोटिंग करेंगे, तो दूसरी ओर मन के चारों ओर विस्तृत जंगल की वादियों का दीदार करेंगे। वन विभाग ने ईको टूरिज्म को ध्यान में रखते हुए ई रिक्शा एवं कैंटीन की व्यवस्था शीघ्र ही करेगा।
सरैयामन में वोटिंग के लिए 8 सीट वाला पेट्रोल चालित मोटरबोट लाया जा चुका है और नौकायायन के लिए तैयार कर लिया गया है। पर्यटकों के रहने के लिए यहां पूर्व से दो-दो ईको हट है। इसके अलावा यहां काफी पुराना अतिथि गृह भी है। यहां आने वाले पर्यटकों को कोई असुविधा नहीं हो, इस पर बल दिया जा रहा है। पर्यटकों को इस सुविधाओं के लिए कितनी राशि खर्च करनी होगी, इसे अभी निर्धारित नहीं किया गया है।
बेतिया वन प्रमंडल कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार पर्यटकों के लिए सरैयामन को पायलेट मोड पर खोला जाएगा। इससे होने वाली आमदनी (प्रोजेक्टेड इनकम) को ध्यान में रखते हुए इस व्यवस्था को किसे सौंपी जाए, इस पर निर्णय लिया जाएगा। उसी के अनुसार पर्यटकों के लिए शुल्क भी निर्धारित कर दिया जाएगा। यहां जो नाव लाई गई है, उससे दिन में पर्यटक सैर करेंगे, तो रात में सुरक्षा के ख्याल से इसका इस्तेमाल पेट्रोलिंग में भी की जाएगी। नाव सर्चलाइट और वायरलेस सेट से लैस होगी।
100 से अधिक प्रजातियों के प्रवासी पक्षियों का होगा दीदार
पटना से करीब 200 किलोमीटर एवं पश्चिम चम्पारण के जिला मुख्यालय बेतिया से 8 किलोमीटर की दूरी पर सरैयामन स्थित है। सरैयामन नवम्बर से लेकर मार्च तक प्रवासी पक्षियों का आशियाना होता है। रंग बिरंगे एवं खूबसूरत पक्षी यहां आने वाले पर्यटकों को स्वत: अपनी ओर आकर्षित करती हैं।
कोलाहल से शून्य यहां का वातावरण पक्षियों के आश्रय का उपयुक्त समय होता है। जानकारों का मानना है कि विदेशी पक्षी यहीं आकर अंडे देती हैं और बच्चे लेकर पुन: ग्रीनलैंड एवं साइबेरिया को प्रस्थान कर जाती हैं। इसमें करीब 3 से 4 माह लग जाते हैं।
पुत्रजिवा सहित विभिन्न वनस्पतियों के लिए मशहूर है उदयपुर जंगल
सरैयामन के चारो ओर 8 वर्ग किलोमीटर में उदयपुर जंगल विस्तृत है। यह जंगल देश में पुत्रजीवा का सबसे बड़ा पैच है। इसके अलावा जंगल में कई तरह की दुर्लभ वनस्पतियां हैं, जिसका अध्ययन बैटैनिकल सर्वे आफ इंडिया की टीम कर रही है। पिछले वर्ष इस टीम ने यहां से 37 प्रजातियों के वनस्पतियों का हारबेरियम तैयार कर अपने साथ ले गई है। इस पर अध्ययन चल रहा है। मन का पानी भी किसी औषधि से कम नहीं है।
स्थानीय लोगों के अनुसार यदि आप यहां का पानी पी लेते हैं, तो खाना तुरंत हजम हो जाता है। पानी का पीएच करीब 9 होने के चलते मछलियों के बढ़वार के लिए यह उपयुक्त जगह है। इसे ध्यान में रखते हुए वन विभाग व पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग केज फीस कल्चर पर भी विचार कर रहा है। बेतिया के वन प्रमंडल पदाधिकारी अभिषेक सिंह ने कहा कि सरैयामन को पर्यटकों के लिए खोला जाएगा। इसके लिए पायलट मोड पर शुरू करने की तैयारी की जा रही है।