निमोनिया और डायरिया से प्रमंडल में सर्वाधिक मर रहे बच्चे
निमोनिया और डायरिया की रोकथाम के लिए यूनिसेफ की ओर से कौशल विकास उन्मुखीकरण कार्यशाला में पूर्वी चंपारण व शिवहर के स्वास्थ्यकर्मियों को प्रशिक्षण दिया गया।
मुजफ्फरपुर (जेएनएन)। स्वास्थ्य विभाग की ओर से कराए गए एक सर्वे के मुताबिक, माना गया है कि प्रति वर्ष 5 वर्ष के अंदर के लगभग 19 हजार बच्चे निमोनिया तथा 13 हजार बच्चे डायरिया से मर जाते हैं। प्रमंडल में डायरिया और निमोनिया से मरनेवाले बच्चों की संख्या सबसे अधिक है। यह जानकारी क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधन ईकाई तिरहुत और यूनिसेफ की ओर से गुरुवार को क्लब रोड स्थित एक होटल में कौशल विकास उन्मुखीकरण कार्यशाला में सामने आई। निमोनिया एवं डायरिया की रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए समेकित कार्यवाही योजना के तहत आयोजित इस कार्यशाला में पूर्वी चंपारण और शिवहर जिले के जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी, जिला मूल्याकन एवं अनुश्रवण पदाधिकारी, जिला सामुदायिक उत्प्रेरक, अस्पताल प्रबन्धक सदर अस्पताल, सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा पदाधिकारी, सभी प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक एवं प्रखंड सामुदायिक उत्प्रेरकों ने भाग लिया। इसमें बीमारी से संबंधित विभिन्न तथ्यों की जानकारी दी गई। इसके पूर्व कार्यशाला का उद्घाटन प्रमंडलीय अपर निदेशक स्वास्थ्य डॉ. अशोक कुमार सिंह, शिवहर की सिविल सर्जन डॉ.मीना शर्मा, पूर्वी चंपारण के सिविल सर्जन डॉ.बृज कुमार सिंह, प्रमंडलीय क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधक प्रशांत कुमार, राज्य कार्यक्रम समन्वयक आशीष कुमार, यूनिसेफ के डॉ.सैयद हुबे अली और यूनिसेफ के प्रमंडलीय समन्वयक राजेश कुमार ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया।
प्रमंडलीय क्षेत्रीय अपर निदेशक स्वास्थ्य ने बच्चो में निमोनिया एवं डायरिया की रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए सामूहिक प्रयास पर जोर दिया। ताकि जिले से इसको खत्म किया जा सके। बताते चलें कि कार्यक्रम के तहत प्रमंडल के सभी आशा, एएनएम एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का उन्मुखीकरण किया जाना है। ताकि शिशु मृत्यु दर में कमी लाया जा सके। कार्यशाला में प्रतिभागियों को प्रशिक्षित करने के लिए पोस्टर, लिफ्लेट, उपकरणों के प्रदर्शन व उपयोग करने के तरीकों के बारे में बताया गया।