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Lockdown Effect: लॉकडाउन के दौरान महिलाएं व बच्चियों पर सितम, घरेलू हिंसा के सौ से अधिक मामले Muzaffarpur News

Lockdown Effect 05 मामले अप्रैल में महिला थाना में घरेलू हिंसा के हुए दर्ज। काउंसिलिंग से सुलझाए गए अन्य मामले।

By Murari KumarEdited By: Published: Tue, 05 May 2020 03:48 PM (IST)Updated: Tue, 05 May 2020 03:48 PM (IST)
Lockdown Effect: लॉकडाउन के दौरान महिलाएं व बच्चियों पर सितम, घरेलू हिंसा के सौ से अधिक मामले Muzaffarpur News
Lockdown Effect: लॉकडाउन के दौरान महिलाएं व बच्चियों पर सितम, घरेलू हिंसा के सौ से अधिक मामले Muzaffarpur News

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। लॉकडाउन के दौरान महिलाओं व बच्चियों पर सितम बढ़ा है। घर के अंदर इनके विरुद्ध होने वाली हिंसा बढ़ी है। महिला हेल्पलाइन व पैनल अधिवक्ताओं के बीच रोज कम से कम तीन-चार मामले आ रहे हैं। अप्रैल में करीब सौ मामले सामने आए। पिछले साल अप्रैल में लगभग 50 मामले सामने आए थे। ऐसे मामलों को सुलझाने के लिए सभी की ऑनलाइन काउंसिलिंग कराई जा रही है। इसका परिणाम भी सामने आ रहा है। अधिकतर मामले सुलझ रहे हैं। सिटी एसपी नीरज कुमार सिंह कहते हैं कि घरेलू ंिहंसा को रोकने के लिए विशेष कानून है। शिकायतों को महिला अधिवक्ताओं के पैनल व महिला हेल्पलाइन में भेजा जाता है। वहां ऑनलाइन काउंसिलिंग कर मामले को सुलझाने का प्रयास किया जाता है।  

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अप्रैल में महिला थाना में घरेलू हिंसा के पांच मामले दर्ज

महिला थानाध्यक्ष नीरू कुमारी ने बताया कि अप्रैल में घरेलू हिंसा के पांच मामले महिला थाना में दर्ज किए गए हैं। वैसे तो इससे अधिक मामले सामने आए, लेकिन काउंसिलिंग कर अन्य मामलों को सुलझा दिया गया। गंभीर मामलों की प्राथमिकी दर्ज कर जांच की जा रही है। 

बच्चियां भी कर रहीं शिकायतें, मोबाइल पर कॉल व मैसेज बन रहा विवाद का कारण

अपर लोक अभियोजक व महिला अधिवक्ता डॉ. संगीता शाही बताती हैं कि उनके पास हर दिन तीन-चार शिकायतें आती हैं। इसमें बच्चियों की भी शिकायतें रहती हैं। लॉकडाउन के दौरान मोबाइल पर कॉल व वाट्सएप पर आने वाले मैसेज को लेकर भी पति-पत्नी उलझ रहे हैं। ऐसे कई मामले सामने आए हैं। अधिकतर मामले काउंसिलिंग से सुलझाए जा रहे हैं। 

मामला सुलझाने व कानूनी परामर्श को महिला अधिवक्ताओं का पैनल सक्रिय

घरेलू हिंसा के मामलों को सुलझाने के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकार की ओर से महिला अधिवक्ताओं का पैनल गठित किया गया है। लॉकडाउन के दौरान घरेलू हिंसा से महिलाओं को बचाने में इस पैनल की महत्वपूर्ण भूमिका है। इसमें 15 महिला अधिवक्ताओं को शामिल किया गया है। ये अधिवक्ता पीडि़ता की काउंसिलिंग करने के अलावा कानूनी परामर्श देती हैं। यहां से ऐसी शिकायतों को महिला हेल्पलाइन भेजा जाता है। पैनल में आशा सिन्हा, रिमझिम कुमारी, श्वेता कुमारी, दीपमाला कुमारी, इला सिन्हा, संध्या कुमारी गौड़, अंजू रानी, अर्चना कुमारी, स्वेता प्रिया, सीमा कुमारी, रीना कुमारी सिन्हा, लता पूनम, होमा परवीन, समिता शर्मा व संगीता कुमारी शामिल हैं।


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