बगहा मेें पशु क्रूरता की सारी हदें पार, आखिर किसने बंदरों को बोरे में भरकर फेंका, आक्रोशित हुए स्थानीय लोग
पश्चिम चंपारण में घोड़हवा पीपी तटबंध के पास बोरे में मिले बंदर दो की मौत। बंदरों के शरीर पर थे जख्म के निशान ग्रामीणाें ने बंदरो को बोरे से बाहर निकाला। शनिवार रात में फेंके गए बंदर दोपहर तक नहीं पहुंची थी वन विभाग की टीम।
बगहा (पचं), जासं। थाना क्षेत्र के मुडाडीह पंचायत स्थित घोड़हवा पीपी तटबंध के समीप पशु क्रूरता का मामला प्रकाश में आया है। शनिवार की रात अज्ञात लोगों ने बोरा व पिंजरा में करीब एक दर्जन बंदरो को कैद कर यहां फेंक दिया था। सुबह ग्रामीणों की नजर पड़ी तो लोगों ने बंदरों को बाहर निकाला। इसमें दो बंदर की मौत हो चुकी थी, बाकी बंदर जख्मी थे। दोपहर तक वन विभाग की टीम मौके पर नहीं पहुंची थी।
जख्मी बंदर तटबंध पर इधर-उधर भटक रहे थे। इनमें भी पांच से सात बंदरों की हालत गंभीर थी। ऐसा प्रतीत हो रहा था कि इन्हें बोरा में भरने के बाद लाठी-डंडे से पीटा गया हो। किसी बंदर के चेहरे पर जख्म का निशान था तो किसी के हाथ पैर में सूजन। बंदरों की हालत देखकर लोग आक्रोशित हो रहे थे। स्थानीय स्तर पर उपचार की व्यवस्था नहीं होने के कारण सभी लाचार थे । मौके पर न पुलिस पहुंची थी न ही वन विभाग की टीम। आशंका जताई जा रही है कि इन बंदरों को यूपी से लाकर छोड़ा गया है । ग्रामीण जेपी यादव, साधु यादव, मुखिया जोखू बैठा, बीडीसी प्रहलाद राम आदि ने बताया कि करीब एक दर्जन बंदर बोरा व पिंजरा में कैद किए गए थे। उत्तर प्रदेश की तरफ से किसी के द्वारा यहां लाकर छोड़ा गया था। घटनास्थल पर खाली चट्टी बोरा बांस का बना पिंजरा मौजूद है।
जख्मी बंदरों की हो सकती है मौत
सुबह बोरे व पिंजरे से रिहा हुए बंदर तटबंधो पर विचरण कर रहे थे। इनमें गंभीर रूप से घायल करीब पांच से सात बंदर ठीक से चल नहीं पा रहे थे । ऐसे में अगर उनका इलाज नहीं हुआ तो असहाय अवस्था में कुत्ते सियार उनपर हमला करेंगे। दोपहर तक तटबंध की ओर ग्रामीणों की आवाजाही हो रही थी । लोग यहां से कुत्तों को भगा रहे थे।