अब मोबाइल से होगा एईएस का मुकाबला, जानिए क्या है सरकार की रणनीति Muzaffarpur News
मुख्यमंत्री ने जैसे लांच किया नए एप्प पर टॉल फ्री नंबर और जागरूकता संदेश हुआ प्रसारित तो सबके चेहरे खिले। जीविका दीदी लोगों के बीच फैलाएंगी एईएस से बचाव को जागरूकता।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। जिले के पांच प्रखंडों में बच्चों के लिए काल एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) से जंग लडऩे में अब 'मोबाइल वाणीÓ मददगार होगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एईएस प्रभावित पानापुर हवेली पंचायत के दरियापुर टोले में व्यवहार परिर्वतन के लिए सामुदायिक मीडिया प्लेटफार्म के इस नए एप्प का शुभारंभ मंगलवार को किया। सीएम ने इसका मॉडल प्रदर्शित करने के बाद मोबाइल का बटन दबाया। बटन दबते हीं इस रोग से बचाव को जागरूकता संदेश प्रसारित होने लगे। इसके बाद सीएम समेत सभी के चेहरे पर मुस्कान आई।
एक फोन पर मिलेगी इलाज से जुड़ी तमाम जानकारी
जीविका को तकनीकी सहयोग करने वाली एजेंसी की मनीषा ने बताया कि मंगलवार को मुख्यमंत्री ने इसके तहत एक टॉल फ्री नंबर जारी किया। इसके माध्यम से कोई भी व्यक्ति मोबाइल पर कॉल करेगा तो उसकी तमाम समस्याओं का निदान होगा। संबंधित को जानकारी दी जाएगी बीमार होने पर कहां जाएं, बेहतर इलाज कहां मिलेगी, एंबुलेंस कैसे मिलेगा, तुरंत क्या करनी चाहिए।
समय पर रोगी को अस्पताल ले जाना जरूरी
स्वास्थ्य विभाग के क्षेत्रीय अपर निदेशक डॉ. मेहंदी हसन व सिविल सर्जन डॉ. शैलेश प्रसाद सिंह ने बताया कि जिले में गर्मी के दिन में बच्चे एईएस से प्रभावित होते हैं। यदि समय पर उनका इलाज नहीं हुआ तो जान बचाना मुश्किल होता है। अबतक इस बीमारी का कोई ठोस कारण सामने नहीं आया है। ऐसे में जागरूकता ही बेहतर बचाव है। मोबाइल वाणी व्यवहार परिवर्तन के लिए सामुदायिक मीडिया प्लेटफार्म है।
इसके जरिए आम लोगों को जागरूक किया जाएगा। मौके पर एसीएमओ डॉ. हरेंद्र आलोक, कांटी पीएचसी प्रभारी यूपी चौधरी, जिला मलेरिया पदाधिकारी डॉ. सतीश कुमार, आरपीएम प्र्रशांत कुमार, डीपीएम बीपी वर्मा, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. आरपी सिंह समेत जिले के स्वास्थ्य विभाग के तमाम अधिकारी उपस्थित रहे।
इस तरह काम करेगा मोबाइल वाणी
मोबाइल वाणी इंटरेटिव वॉयस रिस्पॉस सिस्टम पर काम करेगा।
- आवाज आधारित मोबाइल द्वारा चौबीस घंटे सातों दिन संचार प्रणाली की सुविधा सभी फोन पर उपलब्ध होगी।
- टोल फ्री नंबर 8800458666 पर कॉल करके सुविधानुसार जानकारी प्राप्त की जा सकेगी। इसी कॉल से चिह्नित परिवारों को भी जानकारी सुनाई जा सकती है।
- अनुभव और सवालों को साझा करने की होगी सुविधा।
- स्वास्थ्य पोषण, आजीविका एवं समाजिक विषयों पर नवीनतम जानकारी का भी होगा आदान-प्रदान।