कलेक्ट्रेट में झोपड़ी बना धरना पर डटे रहे मनरेगा मजदूर
समाहरणालय परिसर में झोपड़ीनुमा डेरा बनाकर मनरेगा के महिला-पुरुष मजदूर दूसरे दिन मंगलवार को भी धरना-प्रदर्शन पर डटे रहे।
मुजफ्फरपुर। समाहरणालय परिसर में झोपड़ीनुमा डेरा बनाकर मनरेगा के महिला-पुरुष मजदूर दूसरे दिन मंगलवार को भी धरना-प्रदर्शन पर डटे रहे। मजदूरों ने जमकर प्रशासन विरोधी नारेबाजी की और समाहरणालय के द्वार को घेरा। फिर धरना स्थल पर बैठ गए। आंदोलन का नेतृत्व मनरेगा वाच के संजय सहनी कर रहे हैं। कई प्रखंडों से काफी संख्या में पहुंचे मजदूरों का प्रदर्शन उग्र हो रहा है। काम नहीं मिलने और पहले की मजदूरी का भुगतान नहीं होने से नाराज मजदूरों ने सोमवार को समाहरणालय द्वार पर प्रदर्शन किया। इसके बाद सभी अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए। नेतृत्वकारी सहनी ने बताया कि मंगलवार को प्रशासनिक अधिकारियों से बीस पंचायतों की मांगों पर सहमति बनी है। लेकिन आंदोलन जारी रहेगा। धरना-प्रदर्शन के लंबा चलने की संभावना को देखते हुए मजदूरों ने अपने रहने के लिए झोपड़ी बनाना शुरू कर दिया है। आगे और झोपड़ियां बनाई जाएगी। दो दिनों में मांग पूरी नहीं की गई तो आगे की रणनीति तैयार की जाएगी।
ये हैं इनकी मांगें : मनरेगा के तहत काम, लंबित भुगतान एवं जॉबकार्ड के संबंध में मांग करते हुए डीएम को ज्ञापन सौंपा। कहा कि जिले के कुढ़नी, सकरा, गायघाट, बंदरा, मुशहरी, मुरौल, मड़वन, सरैया, कांटी व बोचहां प्रखंड के करीब 65 पंचायतों के मनरेगा मजदूरों द्वारा एक अप्रैल 2019 से काम की मांग की गई। लेकिन अबतक पूर्ण रूप से काम नहीं दिया गया। इसके अलावा पहले के काम का भुगतान भी लंबित है। वक्ताओं ने कहा कि न काम मिला और न पहले की मजदूरी का भुगतान हुआ। अब आंदोलन के बाद भी प्रशासन पूरी तरह सक्रिय नहीं हुआ है।