AIIMS in Darbhanga: मिथिला को एम्स से मिलेगी स्वस्थ जीवन जीने की 'आजादी', बड़ी आबादी होगी लाभान्वित
AIIMS in Darbhanga 1925 में दरभंगा महाराज ने 250 एकड़ जमीन देकर की थी टेंपल ऑफ मेडिकल स्कूल की स्थापना। बाद में यह DMCH में हुआ परिवर्तित। पढ़ें दरभंगा में स्वास्थ्य सेवा का इतिहास
दरभंगा [संजय कुमार उपाध्याय]। साल 1925 और तारीख 22 जनवरी। देश अंग्रेजी हुकूमत के अधीन था। मिथिला के लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं नसीब नहीं थीं। तब तत्कालीन दरभंगा महाराज रामेश्वर सिंह ने 250 एकड़ जमीन देकर 'टेंपल मेडिकल स्कूलÓ की स्थापना की थी, जो बाद में मेडिकल कॉलेज बना। अब यहां एम्स बनाने की घोषणा के साथ इसमें एक नया अध्याय जुड़ गया है। लोगों को स्वस्थ जीवन जीने की आजादी मिलने की उम्मीद जगी है।
अंग्रेजों के समय टेंपल मेडिकल स्कूल में लाइसेंस मेडिकल प्रैक्टिशनर (एलएमपी) चिकित्सक तैयार होते थे। तब अंग्रेज चिकित्सकों ने भी सेवाएं दी थीं। अंग्रेज चिकित्सक कॉल एस लिगवे यहां के पहले प्राचार्य सह सिविल सर्जन बने थे। यह स्कूल 1946 में अपग्रेड होकर दरभंगा मेडिकल कॉलेज व अस्पताल हो गया। यहां एमबीबीएस की 175 सीटें बनीं। 1953 में यहां पीजी की भी पढ़ाई शुरू हो गई।
पीएम की पड़ी नजर और सीएम रहे गंभीर तो हो गया कायापलट
स्वास्थ्य सुविधाओं की बढ़तीं जरूरतें और खराब होती स्थिति देख यहां एम्स खोलने की मांग शुरू हुई। मिथिला के विकास को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आरंभ से ही गंभीर रहे। इसी के चलते 2015-16 में यहां एम्स खोलने की घोषणा हुई। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जमीन समेत अन्य आधारभूत आवश्यकताओं को पूरा किया। 15 सितंबर को जैसे ही मोदी कैबिनेट से एम्स की स्थापना को मंजूरी मिली, 95 साल पुराने इतिहास में एक स्वर्णिम पन्ना और जुड़ गया। एक ही परिसर में एम्स बनने के बाद एक शैक्षणिक सत्र में 220 एमबीबीएस चिकित्सक तैयार होंगे। पीजी चिकित्सकों की भी संख्या बढ़ेगी।
1264 करोड़ की लागत से 750 बेड वाले एम्स से बड़ी आबादी लाभान्वित होगी। दरभंगा सहित बिहार के 22 जिले, पड़ोसी देश नेपाल के 14 एवं पश्चिम बंगाल के सीमावर्ती जिले के लाखों लोगों को इसका लाभ मिलेगा।
दरभंगा मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. एचएन झा कहते हैं कि 1925 में तत्कालीन दरभंगा महाराज रामेश्वर सिंह ने लोगों के लिए स्वास्थ्य सुविधा की जो व्यवस्था की थी, उसमें एक नया अध्याय जुड़ा है।
इस बारे में दरभंगा के सांसद गोपालजी ठाकुर ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने दरभंगा में एम्स की स्थापना का फैसला लेकर स्वास्थ्य के मामले में मिथिला को आजादी दी है। लोगों को अब गंभीर रोगों के इलाज के लिए भटकना नहीं पड़ेगा।