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अब भयमुक्त होकर पढ़ाई करेंगे एमआइटी के छात्र, प्रवेश करते ही यंत्र करेगा सैनिटाइज Muzaffarpur News

स्वचलित सैनिटाइज मशीन विकसित कर रहे एमआइटी के छात्र। द्वार पर किसी के प्रवेश करते ही स्वयं सक्रिय हो जाएगा डिवाइस बॉडी का तापमान भी बताएगा। सेंसर से लैस होगा यंत्र।

By Murari KumarEdited By: Published: Tue, 19 May 2020 04:46 PM (IST)Updated: Tue, 19 May 2020 04:46 PM (IST)
अब भयमुक्त होकर पढ़ाई करेंगे एमआइटी के छात्र, प्रवेश करते ही यंत्र करेगा सैनिटाइज Muzaffarpur News
अब भयमुक्त होकर पढ़ाई करेंगे एमआइटी के छात्र, प्रवेश करते ही यंत्र करेगा सैनिटाइज Muzaffarpur News

मुजफ्फरपुर, अंकित कुमार। कोरोना से लडऩे के लिए पूरा विश्व संघर्ष कर रहा है। वहीं इंजीनियङ्क्षरग कॉलेज के छात्र लोगों की सुविधा और सुरक्षा उपलब्ध कराने को ध्यान में रखकर लगातार प्रयोग में जुटे हैं। एमआइटी मुजफ्फरपुर के द्वितीय वर्ष के छात्र अनुराग और आशीष कुमार सिन्हा ने एक ऐसे प्रोजेक्ट पर कार्य शुरू किया है। जिसकी मदद से कार्यालय में कार्य करने वाले लोगों को यंत्र की मदद से ऑटोमेटिक सैनिटाइज किया जा सकेगा। कर्मियों को पास में सैनिटाइजर रखने से भी छुट्टी मिलेगी। अगर किसी के शरीर का तापमान अधिक है तो कार्यालय में प्रवेश करते समय ही उसके बारे में सेंसर अलर्ट कर देगा। यह पूरी प्रक्रिया मात्र पंद्रह सेकेंड ही होगी। साथ ही संबंधित व्यक्ति का डाटा भी सुरक्षित रहेगा। जिसे बाद में देखा जा सकेगा।

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सेंसर से जुड़ा होगा यंत्र, सैनिटाइजर का टैंक भी रहेगा कनेक्ट 

यह पूरी प्रक्रिया सेंसर पर आधारित होगी। सेंसर से यह यंत्र जुड़ा होगा। साथ ही सैनिटाइजर का टैंक भी इससे कनेक्ट होगा। इसमें एक छोटा मोटर भी लगा होगा। गेट में पाइप के माध्यम से कुछ छिद्र बनाए जाएंगे जिससे सैनिटाइजर का स्प्रे निकलेगा। साथ ही मोटर सैनिटाइजर टैंक पर दबाव बनाएगा और इससे पाइप के माध्यम से और प्रवेश करने वाले लोगों को सैनिटाइज कर देगा। अनुराग ने बताया कि इस प्रोजेक्ट को कॉलेज से भी स्वीकृति दे दी गई है। इसके पूरा होने के बाद डायबिटीज डिटेक्शन यंत्र के प्रोजेक्ट पर कार्य शुरू करेंगे। बता दें कि अनुराग ने इससे पूर्व भी वाहनों की चोरी रोकने को लेकर एक यंत्र विकसित किया था। 

लॉकडाउन के कारण नहीं मिल रहा था किट, अब जल्द पूरा हो जाएगा यह प्रोजेक्ट

आशीष ने बताया कि पूरी प्रक्रिया का डेमो कर देख लिया गया है। पर लॉकडाउन के कारण किट नहीं मिल रहा है। 17 के बाद किट मिलते ही यह पूरा हो जाएगा। एमआइटी के प्राध्यापक एचसी वर्मा ने बताया कि यह यंत्र विकसित हो चुका है। अब इसमें थर्मल सेंसर लगाना बाकी है। लॉकडाउन के बाद यंत्र आते ही इसका सफल टेस्टिंग होगा। बताया कि इससे संग्रहित डाटा को ऑनलाइन शेयर भी किया जा सकता है।


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