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पार्ट वन के एमआइएल व प्रैक्टिकल की ली जाएंगी छूटी परीक्षाएं

बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के उन विद्यार्थियों के लिए राहतभरी खबर है, जिनकी परीक्षाएं किन्हीं कारणवश छूट गई हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 21 Sep 2018 08:00 AM (IST)Updated: Fri, 21 Sep 2018 08:00 AM (IST)
पार्ट वन के एमआइएल व प्रैक्टिकल की ली जाएंगी छूटी परीक्षाएं
पार्ट वन के एमआइएल व प्रैक्टिकल की ली जाएंगी छूटी परीक्षाएं

मुजफ्फरपुर। बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के उन विद्यार्थियों के लिए राहतभरी खबर है, जिनकी परीक्षाएं किन्हीं कारणवश छूट गई हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस बात की लिखित गारंटी दी है। उसी तरह पीजी सेकेंड सेमेस्टर के खराब रिजल्ट की बात स्वीकार करते हुए प्रोवीसी की अध्यक्षता में उसकी रैंडम चेकिंग कराने की बात कही है। कुलपति ने इसकी मंजूरी दे दी है। स्नातक पार्ट वन के एमआइएल की परीक्षा से वंचित विद्यार्थियों की पुनपर्रीक्षा लेने के लिए परीक्षा बोर्ड की बैठक बुलाने की बात कही है। सर्वसम्मति से इसपर फैसला लिया जाएगा। जिन विद्यार्थियों की प्रैक्टिकल की परीक्षाएं छूट गई हैं, उनके लिए भी परीक्षा नियंत्रक से रजिस्ट्रार ने वार्ता की है और कहा है कि ये परीक्षाएं भी जल्द ली जाएंगी। रजिस्ट्रार अजय कुमार राय ने विश्वविद्यालय छात्रसंघ अध्यक्ष बसंत कुमार सिद्धू को भी इन बातों से अवगत करा दिया है। रजिस्ट्रार ने कहा है कि डिप्टी कंट्रोलर की नियुक्ति की जा चुकी है। इस बारे में भी तेजी से काम चल रहा है। पीजी फ‌र्स्ट सेमेस्टर की स्पेशल परीक्षा के लिए कुलाधिपति से अनुमति मांगी है। हरी झंडी मिलते ही यह परीक्षा भी लेने की बात रजिस्ट्रार ने कही है।

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छात्रों पर दर्ज मुकदमे भी वापस लेगा विवि

परीक्षा व सत्र नियमित करने की गारंटी देने के साथ ही रजिस्ट्रार ने छात्रों का समर्थन हासिल करने के लिए उनपर दर्ज मुकदमे को भी वापस लेने की बात कही है। रजिस्ट्रार ने कहा है कि किन्हीं कारणों से विश्वविद्यालय की तरफ से जो मुकदमे छात्रों पर दर्ज कराए गए हैं, उसको खत्म करने की प्रक्रिया चल रही है। रजिस्ट्रार ने यह भी कहा है कि विभिन्न जांच कमेटी के द्वारा प्राप्त रिपोर्ट अगर कोई विद्यार्थी आरटीआइ के तहत मांगता है तो वह भी दिया जाएगा।

छात्रहित में कई अन्य फैसले भी

छात्रसंघ के अनशन के बीच विश्वविद्यालय प्रशासन ने एक साथ 13 बिंदुओं पर अपनी सहमति जता दी जिसके लिए तमाम विद्यार्थी अर्से से मांग कर रहे थे। यह फैसला छात्रसंघ के आंदोलन का नतीजा माना जा रहा है। नैक मूल्यांकन के बाद से बंद पड़े विश्वविद्यालय कैंटीन व विश्वविद्यालय कैंपस स्थित स्वास्थ्य केंद्र को चालू कराने की हामी भरी। यूनिवर्सिटी कैंपस में स्वच्छ पेयजल व शौचालय की समुचित व्यवस्था की बात भी कही है। उपेक्षित पड़े धरनास्थल के शीघ्र जीर्णाेद्धार व उसपर शेड निर्माण की बात कही।


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