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Weather Forcast: उत्तर बिहार में न्यूनतम तापमान में चार डिग्री तक आ सकती है गिरावट, बढेगी ठंड

North Bihar Weather Forecast उत्तर पश्चिम भारत में पड़ रहे ठंड व पछिया हवा से तापमान में आएगी गिरावट। उत्‍तर बिहार में अगले चार दिनों में न्यूनतम तापमान में करीब चार डिग्री तक गिरावट दर्ज हो सकती है। इससे यहां ठंड बढेगी।

By Murari KumarEdited By: Published: Fri, 27 Nov 2020 06:20 AM (IST)Updated: Fri, 27 Nov 2020 06:20 AM (IST)
Weather Forcast: उत्तर बिहार में न्यूनतम तापमान में चार डिग्री तक आ सकती है गिरावट, बढेगी ठंड
उत्तर बिहार में न्यूनतम तापमान में चार डिग्री तक आ सकती है गिरावट

समस्तीपुर, जेएनएन। अगले चार दिनों में न्यूनतम तापमान में करीब चार डिग्री तक गिरावट दर्ज हो सकती है। इससे यहां ठंड बढेगी। उत्तर पश्चिम भारत में पड़ रहे ठंड एवं पछिया हवा का असर इन क्षेत्रों में भी पड़ेगा। यह कहना है मौसम विभाग का। मौसम वैज्ञानिक डॉ. अब्दुल सत्तार ने बताया कि उत्तर बिहार में अगले दो दिनों तक आसमान में हल्के बादल देखे जा सकते हैं। हालांकि बारिश होने की संभावना नहीं है। दो दिनों के बाद बादल साफ हाे जाएगा। लेकिन उत्तर पश्चिम भारत में पड़ रहे ठंड और पछिया हवा के कारण उत्तर बिहार भी ठंड बढेगी। दो से चार डिग्री तक न्यूनतम तापमान में गिरावट आ सकती है। वहीं अधिकतम तापमान में भी हल्की गिरावट आने की संभावना है। मौसम वैज्ञानिक के अनुसार झारखंड एवं उत्तर प्रदेश के पूर्वी क्षेत्रों में हल्की वर्षा के आसार हैं। इस वजह से सुबह में कुहासा नहीं लगने की संभावना है। गुरुवार को अधिकतम तापमान 27.8 एवं न्यूनतम तापमान 11.08 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। जबकि सामान्य न्यूनतम तापमान 13 डिग्री एवं अधिकतम तापमान 24 डिग्री रहा।

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समय पर गेहूं की बुआई करने पर उत्पादन होगा बेहतर

डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा के मौसम वैज्ञानिक डॉ. ए.सत्तार का बताना है कि फसल की बुआई समय पर करने से उसकी उत्पादकता अच्छी होती है। गेहूं की बुवाई का समय 10 से 20 नवंबर तक ही अनुकूल है। लेकिन किसान 30 नवंबर तक गेहूं की बुवाई कर लें तो फसल सुरक्षित रहने के साथ-साथ उत्पादकता भी अच्छी होगी। उन्होंने कहा कि विलंब से बुवाई करने पर फसल की कटाई के समय अधिक तापमान एवं ओलावृष्टि होने से फसल नष्ट हो सकते हैं। टर्मिनल हिट तथा ओलावृष्टि ज्यादातर अप्रैल महीने में ही देखने को मिलती है। विलंब से बुवाई करने पर फसल की कटाई अप्रैल तक ही होती है, जिससे फसल नष्ट होने की अधिक संभावना रहती है।

 वही गेहूं के पौधे में फूल से दुग्ध अवस्था में अधिकतम तापमान 25 डिग्री एवं न्यूनतम तापमान 12 डिग्री के नीचे होना चाहिए। जब इस अवस्था में अधिकतम तापमान 25 से 27 डिग्री हो जाता है तो गेहूं की उत्पादन में भारी गिरावट आती है। इससे लगभग 4 टन प्रति हेक्टेयर के नीचे उत्पादन चला जाता है। फूल से लेकर पकने तक की अवस्था में 1 डिग्री तापमान बढ़ने से गेहूं का उत्पादन 400 केजी प्रति हेक्टेयर कम हो जाता है। इसलिए गेहूं की बुवाई 15 नवंबर से पूर्व समाप्त करना अच्छी उत्पादन के लिए बेहतर माना गया है। ऐसा करने से फसल की कटाई के समय अधिकतम तापमान के प्रभाव को कम किया जा सकता है।

 इस क्षेत्र में देखा गया है कि 25 फरवरी के बाद एकाएक अधिकतम तापमान में वृद्धि होती है और गर्म शुष्क पछिया हवा चलने की संभावना ज्यादा रहती है। मौसम वैज्ञानिक का कहना था कि खेत की अच्छी जुताई कर बुवाई से पूर्व 60 किलो नाइट्रोजन, 60 किलो स्फूर एवं 40 किलो पोटास की मात्रा खेत में अच्छी तरह मिला दें। साथ में विश्वविद्यालय के द्वारा विकसित तकनीक बिना जुताई के जीरो टिलेज से बुवाई करें जो काफी लाभदायक होगा।


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