Corona Virus को लेकर चीनी पर्यटकों पर रहेगी नजर, केसरिया स्तूप पर तैनात होगी मेडिकल टीम
पूर्वी चंपारण के सभी पीएचसी प्रभारियों को सिविल सर्जन ने आवश्यक तैयारी करने का दिया निर्देश। नेपाल से रक्सौल के रास्ते प्रवेश के साथ ही स्तूप के दर्शन को आते हैं चीनी नागरिक।
पूर्वी चंपारण, जेएनएन। पड़ोसी देश चीन में कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए पूरे दक्षिण एशिया में दहशत का आलम है। जिले की सीमा नेपाल से जुड़ी होने के कारण यहां भी सावधानी बरती जा रही है। जिले में भी अलर्ट जारी कर दिया गया है। सिविल सर्जन डॉ. रिजवान अहमद ने सदर अस्पताल उपाधीक्षक सहित जिले के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को पत्र के माध्यम से अलर्ट किया है।
इधर, केसरिया में भी आने वाले चीनी पर्यटकों पर नजर रखने के लिए वहां मेडिकल टीम तैनात की जा रही है। सीएस ने कहा है कि नेपाल से इस जिले के कई प्रखंडों की सीमा जुड़ी हुई है और वहां के लोगों का नेपाल में आना-जाना लगा रहता है। इस वजह से कोरोना वायरस के फैलने की आशंका अत्यधिक है। उन्होंने इससे निपटने के लिए सभी आवश्यक तैयारी पूरी करने के निर्देश दिए हैं। कहा है कि अगर कोई संदिग्ध मरीज मिलता है तो उसे अलग से आइसोलेशन वार्ड में रखा जाए तथा इसकी सूचना अविलंब जिला मुख्यालय को भी दी जाए।
रक्सौल बोर्डर पर हो रही स्क्रीनिंग
चूंकि नेपाल से होकर रक्सौल के रास्ते इस जिले में चीनी यात्रियों का आना-जाना होता है। इसलिए रक्सौल बॉर्डर पर भी स्वास्थ्य विभाग द्वारा चीनी से आने वाले लोगों की स्क्रीङ्क्षनग की व्यवस्था की गई है। इसके लिए रक्सौल स्थित भारत-नेपाल सीमा पर भारतीय आव्रजन कार्यालय में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र रक्सौल द्वारा मेडिकल टीम की प्रतिनियुक्ति की गई है। यहां पर चीनी नागरिक या चीन से आने वाले अन्य यात्रियों की स्क्रीङ्क्षनग की जा रही है। इस व्यवस्था के तहत सोमवार को एक चीनी महिला की जांच की गई। उसमें कोरोना के वायरस नहीं पाए गए। वह महिला बोध गया जाने के लिए आई है।
केसरिया भी आते हैं चीनी नागरिक
विश्व प्रसिद्ध केसरिया स्तूप के दर्शनार्थ वहां पर्यटकों भीड़ उमड़ती रहती है। इनमें चीनी नागरिकों की संख्या भी अच्छी-खासी होती है। ऐसे में पूर्वी चंपारण कोरोना के खतरे को लेकर संवदेनशील जिला है। हालांकि सिविल सर्जन द्वारा जिले के प्रत्येक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को अलर्ट कर दिया गया है, बावजूद इसके रक्सौल एवं केसरिया में अतिरिक्त सावधानी की आवश्यकता है। इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ. रिजवान अहमद ने कहा कि केसरिया स्तूप परिसर में भी मेडिकल टीम की प्रतिनियुक्ति की जा रही है। इस व्यवस्था के तहत वहां आएं चीनी पर्यटकों पर नजर रखी जा सकेगी।
कोरोना से बचाव को सावधानी जरूरी
इस वायरस से पीडि़त व्यक्ति के लक्षणों में खांसी, बुखार, निमोनिया, सांस लेने में तकलीफ, उल्टी, दस्त आदि शामिल हैं। आगे चलकर इस संक्रमण के चलते निमोनिया गंभीर रूप धारण कर लेता है। गुर्दा भी खराब हो जाता है। इसके कारण मृत्यु की संभावना बढ़ जाती है। ऐसा माना जा रहा है कि संक्रमित व्यक्ति के सीधे संपक्र में आने से, पीडि़त व्यक्ति के खांसने या छींकने के बाद निकले तरल पदार्थ से तथा रोगी के उपकरणों को छुने के बाद अपना नाक, मुंह व आंख को छुने से इस वायरस का फैलाव होता है। आम लोगों को सलाह दी गई है कि वे साफ-सफाई पर पूरा ध्यान रखें।