नववर्ष में मुजफ्फरपुर में चिकित्सा सेवा होगी सहज, सुलभ एवं बेहतर, जानिए क्या सुविधाएं होने जा रहीं
एईएस के इलाज के लिए लैब स्पेशल वार्ड एवं अतिथिशाला का हो रहा निर्माण। गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए दूर नहीं जाना पड़ेगा।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। स्वास्थ्य के क्षेत्र में नया साल उपलब्धियों भरा होगा। चिकित्सा सेवा सहज, सुलभ एवं बेहतर होगी। न सिर्फ जिला बल्कि उत्तर बिहार के लोगों को गंभीर से गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए बहुत दूर नहीं जाना पड़ेगा। कैंसर जैसी बीमारियों के इलाज यहां सुविधा होगी। हर साल एईएस से होने वाली बच्चों की मौतों पर विराम लगेगा।
जिला चिकित्सा सेवा के हब के रूप में विकसित हो रहा है। बड़े पैमाने पर स्वास्थ्य सेवाओं को विकसित किया जा रहा। इस साल अस्पतालों की सेहत सुधारने की कोशिश के सार्थक परिणाम दिखेंगे। सरकारी ही नहीं गैरसरकारी स्तर पर भी शहर में आधुनिक चिकित्सा सेवा का विकास हो रहा है।
एईएस से होने वाली मौतों पर लगेगा विराम
हर साल एईएस से उत्तर बिहार के मासूम बच्चों की बड़ी संख्या में मौतें होती हैं। इसे रोकने के लिए केंद्र व राज्य सरकार इस बार सजग है। एसकेएमसीएच में एईएस पीडि़त बच्चों के इलाज के लिए 60 करोड़ की लागत से सौ बेड के पीकू वार्ड का निर्माण अप्रैल माह तक पूरा हो जाएगा। इतना ही नहीं बच्चों के साथ आने वाले परिजनों के ठहराव के लिए अतिथिशाला का निर्माण हो रहा है जहां परिजन बैठकर इलाजरत बच्चे को देख सकेंगे।
बाहर नहीं भेजना होगा सैंपल
एईएस एवं डेंगू जैसे बीमारियों से पीडि़त मरीजों की पहचान में बिलंब नहीं होगा। एसकेएमसीएच परिसर में 1.98 करोड़ की लागत से बना वाइरोलॉजी लैब शुरू हो गया है। अब रोग की पहचान के लिए मरीजों का सैंपल बाहर नहीं भेजना होगा। जांच की सुविधा अब यहीं उपलब्ध हो गई है।
आठ सुपर स्पेशलिटी सेवाओं की सौगात
हार्ट, न्यूरो सर्जरी, बर्न, प्लास्टिक सर्जरी के साथ वरीय नागरिकों के होने वाली खास बीमारी तथा नवजात को होने वाली विभिन्न बीमारियों का इलाज अब जिले में ही उपलब्ध होगा। लोगों को इसके लिए अब दिल्ली या अन्य बड़े अस्पतालों की राह नहीं लेनी होगी। एसकेएमसीएच परिसर में केंद्र सरकार के सहयोग से सुपर स्पेशलिटी अस्पताल लगभग बनकर तैयार है। मार्च-अप्रैल तक यह काम करने लगेगा।
कैंसर मरीजों को इलाज के लिए नहीं जाना होगा दूर
उत्तर बिहार के कैंसर पीडि़त मरीजों को अब दूर नहीं जाना पड़ेगा। एमकेएमसीएच परिसर में हीं टाटा मेमोरियल कैसर इंस्टीटयूट संचालित अस्पताल का निर्माण कार्य 15 एकड़ जमीन में शुरू हो गया है। साथ ही कैसर मरीजों का ओपीडी एवं सर्वे की प्रक्रिया भी जारी है।
इस बारे में एसकेएमसीएच के अधीक्षक सुनील कुमार शाही ने कहा कि चिकित्सा सेवा के क्षेत्र में जिला संसाधनों से लैस होगा। एईएस से जंग की तैयारी बेहतर परिणाम देगी। मरीजों एवं उनके परिजनों को संतुष्टि मिले इसका हर संभव प्रयास रहेगा।
वहीं, सदर अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. शैलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि जिले में चिकित्सा सुविधा को दुरुस्त किया गया है। बीमारियों से बजाने के लिए जहां एक ओर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है वहीं लोगों को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। इस साल जो कमियां हैं उन्हें दूर कर लिया जाएगा।
ये सुविधाएं होंगी उपलब्ध
- एसकेएमसीएच में मदर एंड चाइल्ड वार्ड बनकर तैयार, एक माह में मिलने लगेगी सुविधा।
- ट्रामा सेंटर का निर्माण अंतिम चरण में, दुर्घटना से पीडि़त मरीजों का हो पाएगा तत्काल इलाज।
- कई विभागों में पीजी की पढ़ाई को मिल सकती है मान्यता
- पूर्व से चल रहे छह विभागों की सीटों की संख्या में होगी वृद्धि
- डीएनबी के पढ़ाई की भी मिल सकती है अनुमति
- चिकित्सकों एवं कर्मियों की भी होगी बहाली
- सदर अस्पताल बच्चों के लिए 12 बेड का विशेष केयर यूनिट कर रहा काम।
- 200 बेड का मातृ शिशु सदन बन रहा, इस साल उपलब्ध होगी सुविधा
- सदर अस्पताल में पोषण पुनर्वास केंद्र से मिल रही सुविधा।
- नशा मुक्ति केंद्र लोगों के नशे की लत छुड़ाने का बना केंद्र।
- शहर के चार शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर चिकित्सा सुविधा को बेहतर बनाया गया।
- आयुष्मान भारत योजना के तहत दस निजी अस्पतालों में चिकित्सा की सुविधा
- शहरी आबादी और स्लम बस्तियों के लिए चारों प्राथमिकी स्वास्थ्य केंद्रों पर मॉडल टीकाकरण केंद्र की स्थापना
- स्वस्थ समाज के निर्माण को आशा घर-घर जाकर लोगों को कर रही जागरूक
- सामुदायिक स्तर पर लोगों को प्राथमिकी स्वास्थ्य केंद्रों पर ही मिलेगी पैथोलॉजी जांच की सुविधा, एएनएम को मिला प्रशिक्षण