कोरोना की 'जंग' में उतरे एसकेएमसीएच के इंटर्न, स्क्रीनिंग में कर रहे पूरा सहयोग Muzaffarpur News
एसकेएमसीएच में मेडिकल इंटर्न संदिग्ध लोगों की स्कीनिंग में सहयोग कर रहे हैं। इसके साथ ही अन्य वार्डो में भर्ती मरीजों इमरजेंसी व अन्य जगहों पर इलाज में सहयोग कर रहे हैं।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। कोरोना की जंग में एसकेएमसीएच के मेडिकल इंटर्न उतर चुके हैं। यह संदिग्ध लोगों की स्कीनिंग में सहयोग कर रहे हैं। इसके साथ ही अन्य वार्डो में भर्ती मरीजों, इमरजेंसी व अन्य जगहों पर इलाज में सहयोग कर रहे हैं। एसकेएमसीएच के अधीक्षक डॉ. सुनील कुमार शाही ने कहा कि उनके यहां कोरोना के इलाज की व्यवस्था नहीं है। अभी केवल स्क्रीनिंग व नमूना जांच की जा रही है। इस काम में मेडिकल इंटर्न का पूरा सहयोग मिल रहा है। अभी उनके यहां सौ इंटर्न आए हैं। सभी की पाली के हिसाब से रोस्टर ड्यूटी लगी है। यह लोग अस्पताल में ड्यूटी के साथ पीजी की तैयारी करते हैं। उनको नियमित वर्ग की जरूरत नहीं होती है।
होली के बाद नहीं आ पाए छात्र
एसकेएमसीएच एनाटॉमी विभाग अध्यक्ष व वार्डन डॉ विनोद कुमार ने बताया कि अलग-अलग सत्रों में 420 छात्र पढ़ाई कर रहे हैं। होली में सारे छात्र अवकाश पर गए थे। उसके बाद कोरोना को लेकर लॉकडाउन की हालत बनी। इसलिए छात्र जहां गए वहीं अटके हुए हैं। बमुश्किल 20 छात्र यहां है सभी ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं। फिलहाल छात्रावास में इंटर्न जेआर व बाहर से ड्यूटी करने आए चिकित्सक रह रहे हैं।
पहले लगा था थोड़ा अटपटा अब रूटीन में शामिल
एसकेएमसीएच में काम कर रहे मेडिकल इंटर्न डॉ आशुतोष प्रकाश कहते हैं कि पहले तो कोरोना का मामला अटपटा लगा था। लेकिन एक चिकित्सक होने के नाते हर तरह की बीमारी का इलाज करना धर्म है। इस पर कायम रहते हुए लगातार संदिग्ध लोगों की स्क्रीनिंग व नमूना संग्रह में सहयोग कर रहा हूं। धीरे-धीरे यह सब रूटीन में शामिल हो गया है अस्पताल में ड्यूटी के बाद समय निकालकर लाइब्रेरी भी जाता हूं।
एसकेएमसीएच में प्राचार्य डॉ विकास कुमार कहते हैं कि कुछ नन क्लीनिकल विभागों में ऑनलाइन पढ़ाई चल रही है। जो छात्र जहां है वहीं से एप से जुड़कर अपनी पढ़ाई कर रहे हैं। जो इंटर्न है वह कोरोना संदिग्धों की स्क्रीनिंग के साथ दूसरे मरीजों के इलाज में सहयोग कर रहे हैं।