डिग्री को झोला में रखने का टेंशन खत्म, कोड डालते ही पोर्टल पर हाजिर
मुजफ्फरपुर नामांकन से लेकर नौकरी तक अब छात्राओं को अपनी डिग्री को झोला में रखकर घूमने का झंझट खत्म हो गया।
मुजफ्फरपुर : नामांकन से लेकर नौकरी तक अब छात्राओं को अपनी डिग्री को झोला में रखकर घूमने की जरूरत नहीं होगी। इसके लिए यूजीसी और एमएचआरडी से मान्यता प्राप्त नैड (नेशनल एकेडमिक डिपोजिटरी) ने शैक्षणिक डिग्रियों को डिजिटल तौर पर रखने के लिए एक पोर्टल को विकसित किया है। अब एमडीडीएम कॉलेज की छात्राओं की अपनी आइडी व कोड होगा। कोड पर उनकी कई डिग्रियां डाल दी जाएंगी। इसको लेकर कॉलेज परिसर में कार्यशाला हुई। इसमें प्राचार्य डॉ.ममता रानी ने इसके महत्व को बताया। कहा कि वर्तमान समय डिजिटलाइजेशन का है। नैड से अपने डॉक्यूमेंट्स को रजिस्टर्ड करने पर इनके गुम होने, चोरी होने, गलने-जलने के टेंशन से दूर हो जाएंगी। ये योजना छात्रहित के लिए बनी है। अगर कहीं इंटरव्यू में जाना हो तो वहां पर ऑनलाइन डिग्री दिखाई देगी। इससे दोबारा डिग्री जांच के लिए विश्वविद्यालय के चक्कर लगाने की भी जरूरत नहीं होगी।
छात्राओं को बताई उपयोगिता
नैड को-ऑर्डिनेटर डॉ.नवनीता ने प्रोजेक्टर के माध्यम से इसकी विस्तार से जानकारी दी। बताया कि नैड द्वारा डिग्री रखने पर इसके दुरुपयोग अर्थात फर्जी इस्तेमाल से बच सकती हैं। वर्तमान समय मे सभी शैक्षणिक योग्यता की हार्ड कॉपी जारी नहीं की जा सकती है। इसलिए कागजात गुम होने पर इसे आसानी से प्राप्त भी किया जा सकता है। कही भी साक्षात्कार मे इसे काम में लाया जा सकता है। तत्काल अगर आधार कार्ड नहीं हो तो फोटो व हस्ताक्षर से भी लिंकअप और रजिस्टर्ड किया जा सकता है।
सभी छात्राओं को जोड़ा जाएगा
प्राचार्य ने बताया कि बीआरबीयू का यह पहला कॉलेज है, जहां इसके लिए विधिवत कार्यशाला का आयोजन हुआ। सौ छात्राओं ने अपना निबंधन कराया है। आने वाले दिनों में यहां पढ़ने वाली करीब साढ़े छह हजार छात्राओं को इससे जोड़ा जाएगा।
इनकी रही भागीदारी
कार्यशाला में मनोविज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ.अलका जायसवाल, डॉ.नीशीकाती, डॉ.नवीन कुमार ने भी पोर्टल की उपयोगिता बताई। वहीं, कोमल, दिव्या, अनुप्रिया, पूनम, सना सहित सौ छात्राओं ने निबंधन कराया।