Move to Jagran APP

आज तय होगा महापौर सुरेश कुमार का भविष्य, निगम बोर्ड की विशेष बैठक में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा

अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा को आम्रपाली सभागार में होगी निगम बोर्ड की विशेष बैठक। इस दौरान सुरक्षा की होगी चाक-चौबंद व्यवस्था मोबाइल व हथियार ले जाने पर रोक।

By Ajit KumarEdited By: Published: Sat, 15 Jun 2019 10:00 AM (IST)Updated: Sat, 15 Jun 2019 10:00 AM (IST)
आज तय होगा महापौर सुरेश कुमार का भविष्य, निगम बोर्ड की विशेष बैठक में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा
आज तय होगा महापौर सुरेश कुमार का भविष्य, निगम बोर्ड की विशेष बैठक में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। महापौर सुरेश कुमार का राजनीतिक भविष्य आज तय होगा। शनिवार को उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा एवं मतदान के लिए आम्रपाली सभागार में निगम बोर्ड की विशेष बैठक होगी। निगम के 19 पार्षदों ने उनके खिलाफ अविश्वास का प्रस्ताव सौंपा था। बैठक की तैयारी पूरी कर ली गई है। इस दौरान सुरक्षा की चाक-चौबंद व्यवस्था होगी। पार्षदों के अलावा किसी को भी बैठक स्थल पर जाने की अनुमति नहीं होगी। कोई भी सभागार के अंदर न मोबाइल ले जा पाएगा और न ही लाइसेंसी हथियार। बैठक की अध्यक्षता उप महापौर मानमर्दन शुक्ला करेंगे। वे महापौर पर लगाए गए आरोपों को पढ़ेंगे। इसके बाद दोनों तरफ के पार्षद अपना पक्ष रखेंगे। सबसे अंत में महापौर अपना पक्ष रखेंगे और उसके बाद गुप्त मतदान के माध्यम से महापौर की कुर्सी पर उनके बने रहने या हटाए जाने का फैसला होगा। पार्षदों को बैठक में निर्धारित समय से 15 मिनट पहले पहुंचने को कहा गया है। 

loksabha election banner

देर रात तक चली एक दूसरे के खेमे में सेंध लगाने कवायद 

एक तरफ जहां निगम प्रशासन बोर्ड की विशेष बैठक की तैयारी में लगा रहा, वहीं दूसरी ओर कुर्सी की लड़ाई में दोनों खेमे के रणनीतिकार देर रात्रि तक जोड़-तोड़ में लगे रहे। महापौर सुरेश कुमार पूरे दिन नाराज पार्षदों को मानने के लिए उनके घर का दरवाजा खटखटाते रहे। लेकिन, अधिकांश पार्षद अपने-अपने घरों से गायब मिले। दोनों खेमों ने अपने-अपने समर्थक पार्षदों को घर से दूर किसी अज्ञात स्थान पर रखा है ताकि कोई सेंध नहीं लगा सके। अज्ञान स्थान से उनको सीधे बैठक में उपस्थित किया जाएगा। महापौर समर्थक खेमे के एक दर्जन पार्षद नेपाल से शहर पहुंच गए और एक होटल में उनको रखा गया है।

महापौर पर लगाए गए आरोप इस प्रकार हैं 

- जनता एवं जनप्रतिनिधियों की आकांक्षा के विपरीत कार्य किया।

- अपने कार्यकाल में जनहित के कार्य की उपेक्षा की।

- महापौर द्वारा पार्षदों की घोर अवमानना की गई।

- अडिय़ल एवं अहंकारी नीति के कारण नहीं हो सका जनहित का कोई कार्य

- पेयजल संकट, जल जमाव, जर्जर सड़कों के विकास का कोई काम नहीं किया।

- समस्याओं का समाधान नहीं होने के कारण पार्षदों को जनता की नाराजगी झेलनी पड़ी।

महापौर के खिलाफ इन पार्षदों ने लाया है अविश्वास प्रस्ताव 

हरिओम कुमार (वार्ड 4), अब्दुल बाकी (वार्ड 40), आभा रंजन (वार्ड 35), अंजू कुमारी (वार्ड 15), सुनीता भारती (वार्ड 13), प्रमिला देवी (वार्ड 11), अर्चना पंडित (वार्ड 42), नीलम गुप्ता (वार्ड 45), निर्मला देवी (वार्ड 19), रतन शर्मा (वार्ड 14), पवन कुमार राम (वार्ड 16), शाहिदा खातून (वार्ड 43), शबाना परवीन (वार्ड 38), सालेहा खातून (वार्ड 34), रश्मि आरा (वार्ड 33), जावेद अख्तर गुडडू (वार्ड 6) एवं संजू देवी (वार्ड 18) शामिल हैं।

लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.