यहां मिले एक ही नंबर के कई मुद्रांक, जानिए इसके पीछे क्या है गड़बड़झाला
Fake stamps फर्जी मुद्रांक को लेकर हंगामे के बाद बंद हुआ झंझारपुर कोर्ट का न्यायिक मुद्रांक केंद्र। काफी दिनों से फर्जी मुद्रांक की बिक्री की है आशंका सरकार को लाखों का चूना।
मधुबनी, जेएनएन। झंझारपुर कोर्ट में लगे न्यायिक मुद्रांक काउंटर की विश्वसनियता संदेह के घेरे में आ गई है। यहां के स्टांप पर फर्जीवाड़ा का आरोप लगा है। इस फर्जीवाड़ा को लेकर सोमवार को कोर्ट के अधिवक्ता और मुंशी द्वारा हंगामा करने के बाद अधिवक्ता संघ के महासचिव धीरेंद्र मिश्रा ने तत्काल न्यायिक मुद्रांक केंद्र को बंद कराया। साथ ही इसकी जांच करने की बात कही है। यहां मुद्रांक के फर्जीवाड़ा का धंधा बहुत दिनों से चलने की आशंका जताई जा रही है। अगर इसमें सच्चाई है तो अब तक सरकार एवं झंझारपुर कोर्ट को लाखों का चूना लग चुका है।
मशीन ने पकड़ी गड़बड़ी
मुद्रांक के फर्जीवाड़ा का खेल लगातार जारी रहता। मगर, इसका उछ्वेदन शनिवार को यहां के जीआर कार्यालय स्थित नकल केंद्र में जांच मशीन लगने के बाद फर्जी मुद्रांक के कारण नकल नहीं बन पाया। नकल विभाग के एसीसी शीलाकांत मिश्रा ने बताया कि इस मशीन से जांच के क्रम में एक नंबर के मुंद्रांक पर तो एक बार नकल बन जाता है। मगर, दूसरी बार उसी नंबर के मुद्रांक पर नकल को एक्सेप्ट करता। नकल के इसी फेर में मुद्रांक का फर्जीवाड़ा सामने आया।
उदाहरण के लिए बीआरसीटी0217495एल1920एम नंबर के एक रुपये का मुद्रांक दो दिसंबर को दो कटा है। उसी प्रकार दो दिसंबर को ही कई ऐसे 10 रुपये के मुद्रांक भी सामने आए हैं। इन सभी का नंबर एक है। इन सभी मुद्रांकों के फर्जी होने का उछ्वेदन नकल कार्यालय से ही सामने आया है। कोर्ट के मुंशी में राजेंद्र झा, विनोद यादव, गंगाराम कामत आदि का आरोप है कि डुप्लीकेशी न्यायिक मुद्रांक केंद्र से ही हो रहा है।
इधर, अवर निबंधन पदाधिकारी मोहन मंडल ने बताया कि यह अति गंभीर मामला है। शिकायत आने पर इसकी जांच कर दोषियों पर करी कार्रवाई की जाएगी। जबकि टिकट काउंटर संभाल रहे कर्मी सुधीर राय का कहना था कि मुद्रांक ऑनलाइन निकलता है। इसमें फर्जीवाड़ा अथवा एक नंबर का एक से अधिक टिकट निकल ही नहीं सकता। आरोप है कि यह फर्जीवाड़ा स्केङ्क्षनग से किया गया होगा। कहा कि इस फर्जीवाड़ा की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई होनी चाहिए। अभी तक सरकार को लाखों का चूना लगाया जा चुका है।