कहने को थाना, न भवन ना मालखाना, एक भी ओपी का अपना भवन नहीं
क्राइम कंट्रोल व विधि व्यवस्था की जिम्मेवारी जिले के 32 थानों और नौ ओपी पर। 17 थाने के पास अपना भवन। 10 थाने और सात ओपी दूसरे के मकान व सौजन्य से चल रहे।
मुजफ्फरपुर, [संजीव कुमार]। जिले में क्राइम कंट्रोल व विधि व्यवस्था की जिम्मेवारी 32 थाने व 9 ओपी पर हैं। इसमें से मात्र 17 थाने के पास अपना भवन है। 10 थाना विभागीय व सौजन्य से चल रहे हैं। पांच थाने किराये के मकान में चल रहे हैं। नौ ओपी में एक के पास भी अपना भवन नहीं है। इसमें सात ओपी किसी तरह सौजन्य से तो दो किराये के मकान के भरोसे हैं।
एक ओर जहां पुलिसकर्मी एके 47 व इंसास राइफल समेत कई तरह के अत्याधुनिक हथियार से लैस हैं। वहीं दूसरी ओर थाना भवन व मालखाना की सही व्यवस्था नहीं है। कहने को तो ये थाना है, लेकिन कईयों के पास न भवन ना मालखाना है। नतीजा पुलिसकर्मियों को जब्त सामान रखने में काफी परेशानी हो रही है।
हाजत व मालखाना की दिक्कतें
कई थाने का अपना भवन नहीं होने से मालखाना व हाजत की समस्या हैं। नतीजा मालखाना में सामान खराब व गायब होने के साथ हाजत से बंदियों के भागने की भी कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं।
इन थानों के पास अपना भवन व मालखाना
नगर, ब्रहमपुरा, सिवाईपट्टी, पीयर, काजीमोहम्मदपुर, सकरा, कुढऩी, कटरा, मीनापुर, कांटी, बरूराज, साहेबगंज, सरैया, अहियापुर, पारू, मनियारी व गायघाट थाने के पास अपना भवन व मालखाना हैं।
सौजन्य से चल रहे थाने व ओपी
बेला, मोतीपुर, विश्वविद्यालय, यातायात, महिला, एससीएसटी, मुशहरी, सदर, मिठनपुरा, हत्था ओपी, पानापुर मीनापुर ओपी, तुर्की, सिकंदरपुर ओपी, पानापुर कांटी, फकुली व बरियारपुर ओपी सौजन्य से चल रहे हैं। इसमें भी मालखाना की व्यवस्था की गई है।
ये किराए के भवन में
करजा, देवरिया, कथैया, हथौड़ी, बोचहां, बेनीबाद व जैतपुर ओपी किराए के भवन में चल रहे हैं। इस कारण यहां पर कई समस्याएं बनी हुई है।
एसएसपी ने कहा-नए भवन बनाने की चल रही कवायद
एसएसपी मनोज कुमार ने कहा कि भवन विहीन थानों के लिए अपना भवन बनाने की दिशा में मुख्यालय को प्रस्ताव भेजा जा चुका है। जहां-जहां थाने व ओपी है। उन सभी जगहों पर मालखाना की व्यवस्था है। पुलिस बिल्डिंग विभाग से नए भवन बनाने की कवायद चल रही है।
शराब का खेल उजागर होने पर थाना भवन का भेजा गया प्रस्ताव
मोतीपुर थाने में शराब का खेल उजागर होने के बाद अपना भवन के लिए मुख्यालय को प्रस्ताव भेजा गया। इसको लेकर भी सवाल उठ रहे। भवन नहीं होने को लेकर कई सवाल उठ रहे है। कहा जा रहा है कि आखिर क्यों नहीं पहले इस दिशा में पुलिस अधिकारियों की नजर गई। मामला उजागर हुआ तो भवन व मालखाने की समस्या सामने आई। साथ ही पूर्व में भवन व मालखाने को लेकर पत्राचार क्यों नहीं किया गया।